देहरादून : प्रसिद्ध भारतीय सामाजिक कार्यकर्ता अनुराग चौहान, आर्किटेक्ट सागर नागपाल और इरा चौहान के बीच आज एक विचारोत्तेजक वार्ता सत्र का आयोजन किया गया, जिसमें डिजाइन और कला के बीच सम्बन्ध पर चर्चा हुई।
आर्ट और डिज़ाइन के विभिन्न पहलुओं के बारे में बात करते हुए अनुराग ने कहा, “मेरे विचार में, भावनाओं को जगाने में सक्षम कोई भी चीज़ कला का रूप हो सकती है। इन भावनाओं की पेचीदगियाँ किसी के व्यक्तिगत इतिहास, कथा और अनुभवों के सम्मिश्रण पर निर्भर होती हैं जो व्यक्तिगत पहचान का निर्माण करती हैं।”
आर्किटेक्ट सागर नागपाल ने अपने डिजाइन दृष्टिकोण को साझा करते हुए कहा, “जिस दिन से मैंने इस पेशे में कदम रक्खा है, तब से हमेशा से मैं विस्तृत डिजाइन बनाने का लक्ष्य रखता हूँ। मेरा डिजाइन दृष्टिकोण स्पष्टता और सरलता के इर्द-गिर्द घूमता है और मैं अव्यवस्था से दूर रहने की कोशिश करता हूं। मेरा यह मानना है कि स्वच्छ जगहें नवीन डिजाइन विचारों और अंततः शांति की भावना को प्रेरित करती हैं।”
अनुराग के बारे में अपने विचार साझा करते हुए, सागर ने कहा, “अनुराग ने हमेशा हमारे डिजाइनों की सराहना की है, और हम दोनों की डिजाइन संवेदनाएं सहजता से संरेखित होती हैं। मुझे लगता है की सौंदर्य और कार्य एक साथ नहीं चल सकते, और कई बार फंक्शनल स्पेसेस भी सौंदर्य की दृष्टि से सुखदायक हो सकती हैं।”
अनुराग चौहान ने सागर के काम के प्रति अपनी प्रशंसा व्यक्त करते हुए कहा, “मेरे लिए सागर सिर्फ एक आर्किटेक्ट ही नहीं हैं, बल्कि मैं उन्हें एक स्टाइलिस्ट का लेबल देना पसंद करता हूं। वह घरों को बेहद सहेजता से स्टाइल करते हैं और एक ऐसा माहौल बनाते हैं जो महज वास्तुकला से परे है।”
इस ज्ञानवर्धक सत्र का आयोजन देहरादून के राजपुर रोड स्थित सागर डिज़ाइन स्टूडियो के उद्घाटन के उपलक्ष में किया गया था। इस कार्यक्रम में अंकित, हिमांशु, अश्मिता, शिवम और शहर भर से कई प्रमुख हस्तियों सहित विशिष्ट दर्शक शामिल हुए।