देहरादून : बसंत बिहार थाना क्षेत्र में अंबेडकर पार्क शास्त्री नगर में स्थित तथागत गौतम बुद्ध की मूर्ति को 3 मई को असामाजिक तत्वों के द्वारा क्षतिग्रस्त कर दिया गया। बुद्ध के द्वारा विश्व को शांति का संदेश दिया गया आज भारत की पहचान पूरे विश्व में बुद्ध के शांति के संदेश के कारण ही है। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में इस प्रकार से बुद्ध की मूर्ति को तोड़ा जाना निंदनीय है। अशोभनीय है। दंडनीय है। विभिन्न संगठनों के द्वारा अपराधियों को गिरफ्तार किए जाने की मांग की गई है। संगठनों द्वारा यह भी मांग की गई है कि शासन, प्रशासन व सरकार की यह भी जिम्मेदारी बनती है कि उन्हें नैतिकता के आधार पर यहां तुरंत ही गौतम बुद्ध की एक मूर्ति पुलिस प्रशासन की देखरेख में स्थापित कर देनी चाहिए।
यदि दोषियों को सजा नहीं दी जाती है, मूर्ति स्थापित नहीं की जाती है तो विभिन्न सामाजिक संगठन, बुद्ध को मानने वाली संस्थाएं एकत्रित होकर इसके खिलाफ धरना, प्रदर्शन, रैली के माध्यम से विरोध करने के लिए विवश होंगे। विरोध करने वालों में भारतीय बौद्ध महासभा के जिला अध्यक्ष जयपाल सिंह (बद्रीपुर वाले) भारतीय बौद्ध महासभा के राज्य कोषाध्यक्ष मनोहर लाल भारतीय दलित साहित्य अकादमी उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष प्रो. जयपाल सिंह, उत्तराखंड एससी एसटी एम्पलाइज फैडरेशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ. जितेंद्र सिंह बुटोइया, डॉ. अनिल कुमार दून बुद्धिस्ट सोसाइटी के अध्यक्ष सर्वेश्वर सिंह भीम महोत्सव आयोजन समिति के अध्यक्ष राजेश सिंह भारतीय शुद्ध संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रीतम सिंह कुलवंशी राष्ट्रीय सामाजिक न्याय कृति मंच के अध्यक्ष नानक चंद सुरेश चंद्र बिरला विजयपाल आजाद राजेश कुमार सूर्यवंशी चौधरी महेंद्र सिंह अमित कुमार बौद्ध रणवीर गौतम शिवलाल गौतम राकेश कुमार सुनील कुमार दीपक कुमार होशियार सिंह कालूराम इत्यादि शामिल रहे।