देहरादून : भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय एवं नेशनल एजुकेशन सोसाइटी फॉर ट्राइबल स्टूडेंट्स (एनईएसटीएस) और राज्य एकलव्य विद्यालय संगठन समिति (ईवीएसएस) के सहयोग से आज रायपुर के महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज में ईएमआरएस राष्ट्रीय सांस्कृतिक उत्सव के चौथे संस्करण का उद्घाटन किया।
भव्य उद्घाटन समारोह में जनजातीय कार्य के मंत्री, अर्जुन मुंडा, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री, पुष्कर सिंह धामी, उत्तराखंड के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल, मेयर देहरादून सुनील उनियाल गामा, कैलाश पंत, और पौड़ी विधायक राजकुमार पोरी की उपस्थिति देखी गई। कार्यक्रम रायपुर, उत्तराखंड से विधान सभा सदस्य (विधायक) उमेश शर्मा काऊ की अध्यक्षता में आयोजित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में भारत सरकार के संयुक्त सचिव और एनईएसटीएस के आयुक्त डॉ. नवलजीत कपूर भी उपस्थित रहे।
इस अवसर पर बोलते हुए, जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा, “मैं श्री पुष्कर सिंह धामी जी और उत्तराखंड सरकार को उनके अटूट समर्थन के लिए हार्दिक धन्यवाद देता हूं। मेरे लिए देवभूमि उत्तराखंड में उपस्थित होना और प्रत्येक छात्र के उत्साह को देखना सौभाग्य की बात है, जो इस प्रतिष्ठित उत्सव में भाग लेने के लिए हमारे देश के दूर-दराज के कोनों से आए हैं।इन तीन दिनों के दौरान, विभिन्न प्रतियोगिताओं के माध्यम से, हमारे छात्रों को अपनी उल्लेखनीय प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलेगा।”
छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने आगे कहा, “आपमें से कई छात्रों के लिए आज हवाई जहाज और रेलगाड़ी में यात्रा करना जीवन का पहला अनुभव रहा होगा, और खासकर वंदे भारत एक्सप्रेस। मुझे विश्वास है कि आप सभी ने इन अनुभवों को संजोकर रखेंगें। मुझे उम्मीद है कि जब आप इस कार्यक्रम से लौटेंगे, तो आप न केवल ढेर सारी यादें बल्कि एक महत्वपूर्ण और परिवर्तनकारी अनुभव भी अपने साथ ले जाएंगे। इस तरह के राष्ट्रीय स्तर के सांस्कृतिक उत्सवों का उद्देश्य आप सभी छात्रों की प्रतिभा को उजागर करना, आपकी रचनात्मकता को पोषित करना और आपको अपने लक्ष्यों तक पहुंचने के लिए सशक्त बनाना है।”
दर्शकों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, “मैं आज उत्तराखंड की पवित्र भूमि पर सभी गणमान्य व्यक्तियों, समर्पित शिक्षकों और अद्भुत छात्रों का हार्दिक स्वागत करता हूं। हमारे राज्य में इस प्रतिष्ठित कार्यक्रम की मेजबानी करना हम सभी के लिए बेहद गर्व की बात है। उत्तराखंड पांच आदिवासी समुदायों का घर है, जिनमें भोटिया, थारू, जौनसारी, बुक्शा और राजी शामिल हैं, और जो हमारे क्षेत्र की समृद्ध जनजातीय संस्कृति को खूबसूरती से दर्शाते हैं। अगले तीन दिनों के दौरान, यह उत्सव, अपनी विविध प्रतियोगिताओं और सांस्कृतिक प्रदर्शनों के माध्यम से, हमारे महान राष्ट्र की गहन जनजातीय विरासत को रोशन करने वाले एक प्रकाशस्तंभ के रूप में काम करेगा। मैं भाग लेने वाले सभी छात्रों और संकाय सदस्यों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूं, और आशा करता हूँ कि मौजूद प्रत्येक व्यक्ति देवभूमि उत्तराखंड से एक अनूठा अनुभव अपने-अपने घरों में ले जाए। आख़िर में मैं ईएमआरएस के चौथे संस्करण के लिए मेजबान के रूप में उत्तराखंड को चुनने के लिए जनजातीय कार्य के मंत्री श्री अर्जुन मुंडा जी के प्रति अपना हार्दिक आभार व्यक्त करना चाहता हूं।”
कार्यक्रम के दौरान अल्मोडा के छोलिया नृत्य, उत्तराखंड में थारू जनजाति द्वारा होली उत्सव, भोटिया जनजाति का पोना नृत्य, राजी जनजाति द्वारा नृत्य, एटीएस लाघा पोखरी, जनजातीय छात्रावास की बालिकाओं द्वारा अपनी सुन्दर प्रस्तुतियों से दर्शकों का मैं मोह लिया ।
दर्शकों को संबोधित करते हुए, राज्य के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा, “इस अवसर पर, मैं उत्तराखंड राज्य में आये विभिन्न आदिवासी पृष्ठभूमि के छात्रों का स्वागत करता हूं। हम सभी के जीवन में कुछ ऐसे सपने होते हैं जिन्हें हम पूरा करना चाहते हैं, और उसके लिए हमें दिन-रात मेहनत करने की जरूरत होती है। मैं चाहता हूं कि यहां उपस्थित सभी प्रतिभागी छात्र अपनी-अपनी प्रतियोगिताओं में अत्यंत समर्पण और मेहनत के साथ प्रदर्शन करें।”
तीन दिवसीय सांस्कृतिक उत्सव के दौरान छात्र विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेंगे, जिनमें एलोक्युशन, क्रिएटिव राइटिंग, स्टोरीटेलिंग, एक्सटेम्पोर, रेसिटेशन, डांस और गायन सहित कई अन्य प्रतियोगिताएं शामिल हैं।
ईएमआरएस राष्ट्रीय सांस्कृतिक उत्सव का चौथा संस्करण प्रतिभा, संस्कृति और विविधता का एक अद्वितीय प्रदर्शन रहेगा। कार्यक्रम में देश भर के 22 राज्यों की उत्साही भागीदारी के साथ 2200 से अधिक छात्र भाग लेंगे जो 4 अक्टूबर से शुरू होने वाली विभिन्न प्रतियोगिताओं में प्रतिस्पर्धा करेंगे। यह कार्यक्रम इन युवा प्रतिभाओं को अपने कौशल का प्रदर्शन करने और भारत में आदिवासी समुदायों की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का जश्न मनाने का एक अनूठा अवसर प्रदान करेगा।
इस तीन दिवसीय उत्सव में भाग लेने वाले राज्यों में आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, दमन और दिउ, नागालैंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, केरल, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड, गुजरात, महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश, तमिलनाडु, त्रिपुरा, कर्नाटक, तेलंगाना, झारखंड, मिजोरम, मणिपुर और ओडिशा शामिल हैं।
ईएमआरएस राष्ट्रीय सांस्कृतिक उत्सव भारत के जनजातीय समुदायों की सांस्कृतिक समृद्धि को संरक्षित करने और मनाने के लिए जनजातीय मामलों के मंत्रालय की प्रतिबद्धता का एक प्रमाण है। यह कार्यक्रम न केवल छात्रों के लिए अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने का एक मंच है बल्कि विविधता में एकता का उत्सव भी है। रायपुर के महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज में तीन दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम 3 अक्टूबर से 6 अक्टूबर 2023 तक दर्शकों को लुभाने के लिए तैयार है।
इस अवसर पर निदेशक जनजातीय कल्याण एसएस टोलिया, सचिव/अध्यक्ष समाज कल्याण/ईवीएसएस उत्तराखंड ब्रिजेश कुमार संत, राज्य समन्वयक ईवीएसएस/जनजातीय कल्याण राजीव कुमार सोलंकी और सचिव/अपर निदेशक ईवीएसएस/जनजातीय कल्याण योगेन्द्र रावत, जनजातीय आयोग की अध्यक्षा लीलावती राणा, पूर्व मुख्या सचिव एन एस नपच्याल, और पूर्व जनजातीय आयोग अध्यक्ष मूरत राम शर्मा भी उपस्थित रहे।