उत्तर प्रदेश

हम जियेंगे स्वदेशी के लिए, मरेंगे देश के लिए” : मुख्यमंत्री योगी।

उत्तर प्रदेश। काकोरी ट्रेन एक्शन की शताब्दी पर आयोजित समापन समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज राष्ट्रभक्ति का उद्घोष करते हुए देशवासियों से स्वदेशी अपनाने और हर घर तिरंगा फहराने का आह्वान किया।उन्होंने बलिदानी क्रांतिकारियों को नमन करते हुए कहा कि राष्ट्र के प्रति समर्पण और आत्मबलिदान की भावना ही भारत को वैश्विक नेतृत्व की ओर ले जा सकती है।

मुख्यमंत्री ने कहा, “स्वदेशी जीवन का मंत्र बने। हम जियेंगे स्वदेशी के लिए, और मरेंगे देश के लिए।” उन्होंने लोगों से अपील की कि विदेशी वस्तुओं का परित्याग कर स्वदेशी अपनाएं। यही भारत की आत्मनिर्भरता और समृद्धि का सही मार्ग है।

समारोह के दौरान योगी ने उन वीरों को श्रद्धांजलि दी जिन्होंने 9 अगस्त 1925 को काकोरी कांड में अपनी जान की बाजी लगाई थी। इस अवसर पर एक पुस्तक का विमोचन भी किया गया जो इस ऐतिहासिक घटना को समर्पित है।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने राखी बांधने आई बच्चियों से स्नेहपूर्वक मुलाकात की और उन्हें मिठाई व चॉकलेट उपहार में दी। उन्होंने शहीदों के परिजनों को मंच पर सम्मानित किया और काकोरी आंदोलन की याद में पीपल का पौधा रोपा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के इन बलिदानों को भूलना नहीं चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि काकोरी की घटना में जिन क्रांतिकारियों ने ब्रिटिश खजाना लूटा, वो सिर्फ ₹4600 थे लेकिन ब्रिटिश सरकार ने उन्हें पकड़ने में ₹10 लाख से ज्यादा खर्च किए। इस कार्रवाई के नायक—रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाकउल्ला खां, राजेंद्र लाहिड़ी जैसे महान सपूतों को फांसी दे दी गई थी।

उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के “हर घर तिरंगा” अभियान को दोहराते हुए कहा कि 13 से 15 अगस्त तक हर घर पर तिरंगा लहराना चाहिए और हर भारतवासी के मन में राष्ट्रभक्ति का संकल्प होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने यह भी जोड़ा कि विदेशी वस्तुएं खरीदना देश के धन को बाहर भेजने जैसा है, और वह धन आतंकवाद को भी पोषित करता है।

मुख्यमंत्री योगी ने अपील की कि आने वाले त्योहारों—रक्षाबंधन, जन्माष्टमी, दशहरा, दीपावली—पर स्वदेशी वस्तुएं ही उपहार में दें और खरीदें। उन्होंने 2 अक्टूबर को गांधी आश्रम से खादी खरीदने का संकल्प लेने की बात भी कही।

मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि मलिहाबाद के आम को “काकोरी ब्रांड” के रूप में अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुंचाया जाएगा, जिससे क्रांतिकारियों की स्मृति को वैश्विक पहचान मिल सके। अंत में उन्होंने कहा कि हमें उनके सपनों का भारत बनाना है जिन्होंने आजादी की कीमत चुकाई।

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