उत्तराखंड

अमर शहीद अशफाक उल्लाह की 123 वीं जयन्ती पर सादर नमन।

देहरादून  : क्रान्तिकारी अशफाक का जन्म – 22अक्टूबर1900,शाहजहांपुर,उत्तर प्रदेश में हुआ था । उनको‌ काकोरी‌ षढ़यन्त्र 19 दिसंबर 1927,फैजाबाद कारागार में अंग्रेजों ने‌ फांसी दी थी उनके पिता शफीकुर्रहमान,पुलिस विभाग में कार्यरत थे । उनकी मां – मजहरुनिशा तथा भाई एडवोकेट रिहासुतुल्लाह तथा असफाक शाहजहांपुर के आर्य समाजी पंडित रामप्रसाद बिस्मिल के घनिष्ठ मित्र थे ।काकोरी ट्रेन डकैती – 9 अगस्त 1925, हथियार खरीदने के लिए खजाना लूट,10 क्रांतिकारियों द्वारा हिंदुस्तान रिपब्लिकन आर्मी के संगठन के वैनर तले किया ।

काकोरी षढ़यन्त्र के तहत उनकी दिल्ली में गिरफ्तारी हुई तथा बिस्मिल, असफाक, राजेन्द्र लाहिड़ी ,ठाकुर रोशन सिंह को फांसी तथा अन्य 16 को दूसरी सजायें हुई जबकि इस सन्दर्भ में

वायसराय और गवर्नर लिंडलेउड को माफी की अपील जिस पर मालवीय जी,जिन्ना, केलकर,लाला लाजपत राय,गोविंद बल्लभ पंत आदि के हस्ताक्षर थे ,लंदन की प्रिवी काउंसिल ने अपील खारिज।

तत्पश्चात राजेन्द्र लाहिड़ी को 17 दिसंबर को गोंडा में, 19 दिसंबर 1927 को बिस्मिल को गोरखपुर में,ठाकुर रोशन सिंह को इलाहाबाद में,असफाक को फैजाबाद में फांसी दी गई ।

देश उनके‌ बलिदान को सदैव याद रहेगा ।असफाक की 123 जयंती पर सादर नमन ।

सभी अमर शहीदों को सादर नमन!

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