पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ विवादास्पद टिप्पणी के मामले में पुलिस की रिपोर्ट कोर्ट में खारिज।
ग्वालियर : पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खिलाफ केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थक मंत्रियों द्वारा की गई कथित टिप्पणी के मामले में एमपी एमएलए कोर्ट ने पुलिस द्वारा पेश की गई स्टेटस रिपोर्ट को निराधार बताया है. कोर्ट ने याचिकाकर्ता अधिवक्ता नितिन शर्मा को निर्देशित किया है कि वह अपने सभी बिंदु जिन पर वह जानकारी चाहते हैं, उसे कोर्ट में पेश करें ताकि पुलिस अधीक्षक के माध्यम से स्टेटस रिपोर्ट को शपथ पत्र के साथ तलब की जा सके. अब इस मामले में 20 नवंबर को सुनवाई होगी.
एमपी एमएलए कोर्ट में केस :इस मामले में याचिकाकर्ता अधिवक्ता के बयान भी दर्ज किए जाएंगे. एसपी द्वारा पेश की गई रिपोर्ट पर भी विचार किया जाएगा. दरअसल, कांग्रेस समर्थित अधिवक्ता नितिन शर्मा ने एक निजी इस्तगासा एमपी एमएलए कोर्ट में दायर किया है जिसमें उन्होंने कहा है कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया उनके समर्थक मंत्रियों प्रदेश के तुलसीराम सिलावट एवं महेंद्र सिंह सिसोदिया द्वारा पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की गई थी. जिसकी अखबार कटिंग उन्हें 22 अप्रैल के अखबारों में पढ़ने को मिली थी. इसी के आधार पर याचिकाकर्ता ने इसे कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भावनाओं को आहत और पूर्व मुख्यमंत्री की छवि को धूमिल करने वाला बताया था और उन्होंने केंद्रीय मंत्री सिंधिया सहित उनके समर्थक मंत्रियों के खिलाफ मामला दर्ज कर विचार करने की गुहार लगाई थी।
पुलिस से मांगी थी स्टेटस रिपोर्ट :पिछले दिनों कोर्ट ने इंदरगंज थाना पुलिस से इस मामले में स्टेटस रिपोर्ट मंगाई थी. पुलिस ने इस मामले में अपनी स्टेटस रिपोर्ट पेश कर दी. जिसमें पुलिस द्वारा बताया गया कि यह इस्तगासा राजनीतिक लाभ के लिए लगाया गया है. याचिकाकर्ता का कहना है कि पुलिस द्वारा इसमें संबंधित लोगों को कोई नोटिस जारी नहीं किए गए. न ही उनके ट्विटर अकाउंट को बंद कराया गया. इस ट्विटर के जरिए किन लोगों तक यह विवाद आईटी पोस्ट शेयर की गई इसके ओरिजिन का भी पता लगाने की भी गुहार लगाई गई है.