
जयपुर : राजस्थान में “वन स्टेट, वन इलेक्शन” को लेकर सियासी आरोप-प्रत्यारोप का दौर हर दिन चल रहा है. कांग्रेस पंचायत और निकाय चुनाव की बदलती तारीख पर प्रदेश सरकार को घेर रही है. पहले दिसंबर, फिर जनवरी में चुनाव की बात करने वाली भजनलाल सरकार की मंशा पर भारत निर्वाचन आयोग के SIR कार्यक्रम ने ब्रेक लगा दिया. कांग्रेस सरकार पर आरोप लगा रही है कि हार के डर से चुनाव आगे से आगे खिसका रही है।
पंचायत और निकाय चुनाव की तारीखों को लेकर चल रही सियासत के बीच यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने साफ किया कि अब नगर निकाय के चुनाव मई में ही संभव हैं. गुरुवार को अपने आवास पर मीडिया से बात करते हुए खर्रा ने कहा कि सरकार की तरफ से सभी तैयारी पूरी है, लेकिन भारत निर्वाचन आयोग के SIR कार्यक्रम के चलते चुनाव अभी करवाना संभव नहीं है, अब नगर निकाय के चुनाव मई में ही होंगे।
सरकार की तैयारी पूरी: यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि स्वशासन विभाग और राज्य सरकार के स्तर पर जितना काम होना था, वह सितंबर में पूरा हो चुका है. नगर निकाय की सीमा विस्तार का काम होना था वह पूरा हो चुका है।
उसके लिए नोटिफिकेशन जारी हो चुका है. इसके बाद नगर निकाय के वार्डों का परिसीमन और पुनर्गठन होना था, वह काम भी पूरा हो चुका है और उसका भी नोटिफिकेशन जारी हो चुका है. उन्होंने कहा कि स्वायत्त शासन विभाग और सरकार के स्तर पर ऐसा कोई काम बाकी नहीं है जिससे कि चुनाव में कोई बाधा उत्पन्न हो।
खर्रा ने कहा कि दो काम बाकी हैं, जिसमें एक सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की पालना में राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग को निकायवार पिछड़ा वर्ग के आंकड़े एकत्रित करने हैं, दूसरा पिछड़ा वर्ग के आरक्षण के आधार पर लॉटरी निकालने का काम. पिछड़ा वर्ग आयोग ने आश्वस्त किया था कि उनके सर्वे का काम सितंबर में पूरा हो जाएगा, उसी आधार पर सरकार ने दिसंबर में चुनाव करने की बात कही थी।
लेकिन अब भारत निर्वाचन आयोग की SIR का कार्यक्रम जारी कर दिया. इसके चलते नगर निकाय के चुनाव अभी पूर्ण नहीं करवा सकते हैं. खर्रा ने कहा कि पुरानी मतदाता सूची से मतदान कराने की कोई वैधानिक सत्यता नहीं रहेगी, इसलिए SIR कार्यक्रम के पूर्ण होने का इंतजार करना ही पड़ेगा।
मई में संभव होगा चुनाव: झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि विभाग और सरकार के स्तर पर किसी तरह की कोई तैयारी पेंडिंग नहीं है, लेकिन ये कटु सत्य है कि जब तक SIR का कार्यक्रम चलेगा नगर निकाय के चुनाव संभव नहीं हैं. हम ये मान सकते हैं कि 15 फरवरी तक विशेष मतदाता पुनरीक्षण का कार्यक्रम पूरा हो जाए, लेकिन 15 फरवरी से 15 अप्रैल तक अलग-अलग स्कूलों के बच्चों की परीक्षाएं होंगी।
फरवरी से अप्रैल स्कूल कॉलेज में परीक्षाओं का समय होता है. खर्रा ने कहा कि किसी भी तरह के चुनाव कराने के लिए सबसे ज्यादा मैनपावर शिक्षा विभाग की काम में आती है, इसलिए ऐसा लगता है कि “वन स्टेट, वन इलेक्शन” के तहत चुनाव अब मई में ही संभव है।



