विकलांगों व गरीबों की भलाई हेतु जरूरी कदम उठाए राज्य सरकार।
नसीम अहमद
स्योहारा: राष्ट्रीय विकलांग एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष एमआर पाशा ने कहा कि भाजपा सरकार को विकलांगों व गरीबों पर रहम करना चाहिए। साथ ही भ्रष्टाचार व हिटलरशाही में लिप्त अधिकारियों की जांच कराकर उनकी काली कमाई से खरीदी गई सम्पत्तियों को जब्त किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व में प्रदेश तरक्की कर रहा है। मुख्यमंत्री स्वयं ईमानदार एवं संवेदनशील है। उनके द्वारा जन कल्याण के कई महत्वपूर्ण कार्य किए गए है। लेकिन दुर्भाग्य का विषय है कि भ्रष्ट व हिटलरशाही चलाने वाले अधिकारियों की वजह से सरकार की योजनाओं का लाभ आम आदमी के साथ-साथ विकलांगों, गरीबों एवं विधवाओं को नहीं मिल पाया है। उन्होंने कहा कि गरीब व बेसहारा वर्ग के लिए ऐसी योजनाएं चलाई जानी चाहिए कि उनका लाभ सीधे मिले। उन्होंने कहा कि इस वर्ग को हर माह पेंशन मिलनी चाहिए। साथ ही पेंशन की धनराशि भी बढ़ाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि विधवाओं, बुजुर्गों, विकलांगों एवं गरीबों को वर्तमान हर माह पर्याप्त पेंशन नहीं मिल रही है। साथ ही अन्य योजनाओं का लाभ भी नहीं मिल पा रहा है। अधिकारी इनके बीच जाकर खुली बैठकों का आयोजन करते हुए योजनाओं की समीक्षा नहीं करते है। गरीबों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ भी नहीं मिल पाया है। जिला नगरीय विकास अभिकरण, डूडा में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार हो रहा है। डूडा में माफियाओं व दलालों ने कब्जा कर रखा है। डूडा के अधिकारी पूरी तरह से भ्रष्टाचार में लिप्त है।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि ईमानदार पुलिस अधीक्षक के जनपद में तैनात होने के बावजूद थानों में भ्रष्टाचार हो रहा है। है। थानों थ में गरीबों व मजलूमों की सुनवाई नहीं होती है। एसडीएम भी जनता दरबार लगाकर जनसमस्याओं के समाधान के लिए प्रयास नहीं करते हैं। अधिकारी आम जनता की सरकारी मोबाइल नम्बरों पर आने वाली कॉल भी रिसीव नहीं करते है। जिसकी वजह से लोकसभा चुनाव में गलत संदेश गया। आम जनता बेहद परेशान हो गई और उसने बदलाव के लिए गैर भाजपाई प्रत्याशियों को वोट दिया। उन्होंने कहा कि बिना जाति व धर्म देखे सभी की भलाई के लिए कार्य किए जाने चाहिए। भ्रष्ट अधिकारियों की रिश्वतखोरी से कमाई गई सम्पत्तियों को जब्त किया जाना चाहिए। इन अधिकारियों की गोपनीय जांच बेहद जरूरी है। आज छोटे-छोटे कर्मचारी व सिपाही भी लग्जरी गाड़ियों में घूम रहे है। बड़े अधिकारियों ने सरकार को बदनाम कराने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रखी है।