उत्तराखंडगढ़वालदेहरादून

रविदास जयंती पर धूमधाम से हुआ ध्वजारोहण।

देहरादून :  संत रविदास चौदहवीं व पंद्रहवीं शताब्दी के सबसे बड़े समाज सुधारक संत थे जिन्होंने छुआछूत व अंधविश्वास पर उस समय चोट की जब पूरा भारतीय समाज इन बुराइयों में बुरी तरह जकड़ा हुआ था। यह बात शास्त्रीनगर कांवली में आंबेडकर महासंघ द्वारा रविदास जयंती के अवसर पर आयोजित भव्य कार्यक्रम में ध्वजारोहण व रविदास जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण के पश्चात जंन समुदाय को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए कही।

उन्होंने कहा कि जूता बनाने वाले मोची के घर जन्में रैदास ने जिनके गुरु संत कबीर थे, अपनी विद्वता ज्ञान व भक्ति से मीरा जैसी शिष्या समाज को दी और मन चंगा तो कठौती में गंगा जैसा मूल मंत्र समाज को दिया।

धस्माना ने कहा कि सिख पंथ के पवित्र ग्रंथ श्री गुरुग्रंथ साहिब में संत रैदास की बाणी का बहुत महत्व है। उन्होंने कहा कि आज जब हम 21 वीं शताब्दी में जी रहे हैं तब भी समाज के नेतृत्वकारी लोग समाज में जात पात छुआ छूत व धर्म के नाम पर विभाजन कर रहे हैं व समाज में अंधविश्वास को बढ़ावा दे रहे हैं किंतु संत रैदास जी के मंदिर में जा कर माथा भी टेक रहे हैं जो वास्तव में प्रपंच है।

इस अवसर पर अंबेडकर महासंघ के अध्यक्ष अवधेश कथीरिया, एससी एसटी इम्प्लाइज संघ के महामंत्री राजेन्द्र राज, संजय कटारिया, प्रवीण कश्यप, गुड्डी देवी, सलीम अंसारी, मुज्जमिल समेत बड़ी संख्या में रैदासी समाज के लोगों के साथ क्षेत्रवासी उपस्थित रहे, ध्वजारोहण माल्यार्पण व सभा के पश्चात विशाल भंडारे का आयोजन भी किया गया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button