देहरादून : विभिन्न संगठनों एवं राजनैतिक दलों से जुड़े लोगों तथा पीड़ित रेहड़ी ,पटरी ,फुटपाथ व्यवसायियों के सैकड़ों हस्ताक्षरों का एक ज्ञापन आज राजभवन देहरादून में राज्यपाल के नाम सौंपा गया तथा उनसे रेहडी़,पटरी ,फुटपाथ व्यवसायियों की समस्या हल करने की मांग की गई ।
ज्ञापन में अबिलम्ब इनका उत्पीड़न रोकते हुऐ इनके लिऐ वैन्डरजोन घोषित होने तक यथावत रोजगार की अनुमति प्रदान करने का अनुरोध किया गया, ज्ञापन में यह भी आरोप लगाया कि जिला प्रशासन, नगरनिगम तथा पुलिस की टीमें लाईसेंसधारियों तथा फुटपाथ के तहत रजिस्टर्ड अन्य लधु व्यवसायियों फुटपाथ तथा फुटपाथ से काफी समय से रोजगार कर रहे तथा इन लधु व्यवसायियों को भी नहीं बकस रही है तथा उनका सामान भी जब्त कर रही तथा उनसे जबरन चालान तथा अन्य बसूलियां कि जा रही है ।
ज्ञापन में राज्यपाल जी को अवगत कराया कि ऐ लधु व्यवसायी रोजगार न होने के चलते भुखमरी के कगार पर हैं ,यदि जल्दी इनके रोजगार के बिषय में नहीं सोचा गया तो स्थिति और अधिक गम्भीर हो सकती है।
राज्यपाल को सम्बोधित ज्ञापन में स्पष्ट किया गया है कि रेहड़ी ,पटरी ,फुटपाथ व्यवसायियों को जबरन बेदखली माननीय सर्वोच्च न्यायालय एवं उत्तराखण्ड हाईकोर्ट के दिशा निर्देशों की अवहेलना है ।
ज्ञापन में कहा गया है कि जिला प्रशासन एवं सरकार फुटपाथ व्यवसायियों के सन्दर्भ में सर्वोच्च न्यायालय के दिशानिर्देशों का पालन करे तथा वैन्डर जोन घोषित करे , जहाँ पर इनका रोजगार चल सके । ज्ञापन में राज्यपाल जी को अवगत कराया गया
पिछले कुछ समय से जिला प्रशासन/पुलिस/नगरनिगम प्रशासन द्वारा किये जा रहे गरीब लोगों का उत्पीड़न रोक लगाई जाऐ । ज्ञापन में यह भी उजागर किया गया कि इन्वेस्टर समिट की आढ़ में सुनियोजित ढंग से नगरनिगम/जिलाप्रशासन द्वारा यह कह कर फुटपाथ के इर्दगिर्द रोजगार कर रहे सैकड़ों लोगों को तथा रेहड़ी ,पटरी वालों को हटाया गया था कि यातायात व्यवस्था एवं वीआईपी मूवैन्ट के चलते फिलहाल अपना रोजगार समेट लें , किन्तु अब प्रशासन एवं सरकार की मंशा साफ हो गई है कि वह अनेक बहाना बनाकर स्थाई रूप से इन्हे शहर एवं कस्वों से बेदखल कर रही ,जो कि न्यायोचित नहीं है ।
हस्ताक्षर करने वालों में सिपिआईएम ,सिपिआई ,सिपि आईएमएल ,कांग्रेस ,जैडिएस,एसपी ,आयूपी ,पहाड़ी पार्टी ,सीआईटीयू ,एटक ,इन्टक ,भीम आर्मी ,जनवादी महिला समिति ,महिला मंच ,चेतना मंच ,अम्बेडकर युवा समिति ,एआईएलयू ,उत्तराखण्ड आन्दोलनकारी संयुक्त परिषद ,इफ्टा ,नेताजी संघर्ष समिति ,पीएसएम ,बिजिविएस ,जनसंवाद ,एसएफआई ,उत्तराखण्ड पीपुल्स फोरम ,जस्टिस फाउन्डेशन ,सर्वोदय मण्डल कै प्रतिनिधि शामिल हैं ।