देहरादून। : मां धारी देवी एवं भगवान नागराजा देव डोली शोभायात्रा का 12 जनवरी 2024 से गणेश किया जायेगा 11 ब्राह्मणों के द्वारा एवं पौराणिक जागर परंपरा के विद्वान जगरियों की उपस्थिति में मां धारी देवी थान नेहरू कॉलोनी पर मां भगवती और भगवान नागराजा देवता का रोट ,प्रशाद आदी भेट चढ़ा कर देव डोलियों का विधवत अभिषेक पूजन किया जायेगा।
देवडोलियों का प्रस्थान सी एम कैंप हाउस से होगा मां धारी देवी एवं भगवान श्री नागराज देव डोलियों का पूजन पंडित मनोज धस्माना ,आचार्य मधुसूदन जुयाल, आचार्य राजदीप भट्ट इस पूजन को माननीय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के संकल्प द्वारा अर्घ्य, पूजन कराकर संपन्न कराएंगे ।
उत्तराखंड के पारंपरिक वाद्य यंत्रों की धुनों के साथ मंडाण , देव जागरो के साथ देवडोलीयो को सर्वे भवंतु सुखिना की कामना संकल्प को लेकर विधवत देव ध्वजा की साथ मां धारी देवी एवं भगवान नागराज देव डोली शोभायात्रा 2024 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में रवाना कराया जाएगा देवड़ौली शोभायात्रा हररावाला डोईवाला वाला होते हुए रात्रि विराम ग्राम कालुवाला में करेगी ।
13 जनवरी को सोभायात्र ऋषिकेश एवं बसंती माता मंदिर रायवाला में दर्शन कार्यक्रम होगा 14 जनवरी को शोभा यात्रा का स्वागत हरिद्वार गढ़वाल महा सभा करेगी 15 जनवरी को हरिद्वार में मकर संक्रांति के पावन पर हजारों भक्तों की उपस्थिति में देव डोलीयो को विधिवत स्नान कराया जायेगा।
शोभायात्रा उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश , पंजाब,दिल्ली, हरियाणा, मध्य प्रदेश महानगरों में उत्तराखंड की देव संस्कृति का प्रचार।
प्रसारके साथ समस्त मानस को जन जागरण का कार्य करने के लिए प्रेरित करेगी मां धारी देवी नागराजा उपासक आचार्य श्रित सुन्दरियाल जी महाराज के नेतृत्व मे 14 फरवरी 2024 को उज्जैन महाकाल में बसंत पंचमी पर राम घाट उज्जैन में ब्रह्म मुहूर्त पर देव डालियों को नेजा निशान सहित देव स्नान संपन्न किया जाएगा कराया स्नान किया जाएगा 17 फरवरी शनिवार को शोभायात्रा देहरादून पहुंचेगी ।
18 फरवरी रविवार को पूजन यज्ञ प्रसाद वितरण एवं भंडारा कार्यक्रम को कर देवड़ौली शोभा यात्रा को विराम दिया जाएगा, मां धारी देवी नागराजा उपासक आचार्य श्रित सुन्दरियाल महाराज ।
देव डोली शोभायात्रा 2024 में सर्वे भवंतु सुखिनः की कामना को लेकर सहयोग से एवं 22 जनवरी को अयोध्या में प्रतिष्ठित होने वाले भगवान श्री राम मंदिर के लिए समस्त भक्त जनों विषेश तौर पर देश परदेस के युवाओं को भी इस संस्कृति में जोड़ेंगे उत्तराखंड की पौराणिक देव संस्कृति की धर्म ध्वजा को विश्व पटल पर स्थापित करना है।