उत्तराखंडगढ़वालदेहरादून

मुख्यमंत्री ने दी सभी शहीद पुलिस जनों को श्रद्धांजलि।

पुलिस विभाग में मृतक आश्रितों की भर्ती संबंधी अड़चनों को दूर किया जायेगा।

उत्तराखण्ड : पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री ने शहीद पुलिस जवानों को दी श्रद्धांजलि। इस अवसर पर माननीय मुख्यमंत्री ने की उत्तराखण्ड पुलिस बल के कल्याण के लिए महत्वपूर्ण घोषणाएं।

सेवा के दौरान पुलिस कर्मियों की अकाल मृत्यु होने पर आश्रित परिवार को तत्काल 01 लाख रूपये आर्थिक सहयोग दिये जाने के लिए पुलिस शहीद कल्याण कोष के लिए 02 करोड़ रूपये की धनराशि दी जायेगी।

अराजपत्रित पुलिस कर्मचारियों का निःशुल्क वार्षिक स्वास्थ्य परीक्षण कराया जायेगा।

अगले तीन वर्षों में पुलिस कर्मियों के आवास हेतु 100 करोड़ रूपये की धनराशि का प्राविधान किया जायेगा।

पुलिस विभाग में मृतक आश्रितों की भर्ती संबंधी अड़चनों को दूर किया जायेगा।

आज दिनांक 21 अक्टूबर, 2023 को पुलिस शहीद स्मृति दिवस के अवसर पर पुलिस लाईन देहरादून स्थित शहीद स्मारक स्थल पर श्रृद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि के रुप में पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड, पूर्व राज्यपाल महाराष्ट्र- भगत सिंह कोश्यारी, मेयर देहरादून-  सुनील उनियाल, विधायकगण-  खजान दास, विनोद चमोली, मुन्ना सिंह चौहान, सविता कपूर, जिला पंचायत अध्यक्ष- मधु चौहान, अध्यक्ष राज्य महिला आयोग- कुसुम कण्डवाल, अपर मुख्य सचिव- राधा रतूड़ी, विभिन्न आयोगों के अध्यक्ष एवं सदस्य गण, सेवानिवृत्त पुलिस महानिदेशक- अनिल के0 रतूड़ी, इस अवसर पर अभिनव कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक, अभिसूचना एवं सुरक्षा, अमित सिन्हा, अपर पुलिस महानिदेशक, प्रशासन, वी मुरूगेशन, अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस दूरसंचार, ए पी अंशुमान, अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, समस्त पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस उपमहानिरीक्षक सहित अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी एवं गणमान्य महानुभाव भी उपस्थित रहे और शहीद हुए पुलिस कर्मियों को याद कर उन्हे भावभीनी श्रृद्धांजलि अर्पित की गयी। कार्यक्रम का संचालन फायरमैन मनीष पंत द्वारा किया गया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि देश की आंतरिक सुरक्षा व कानून व्यवस्था बनाए रखने का उत्तरदायित्व राज्यों की पुलिस बल व अर्द्धसैनिक बलों का है। अपने इस उत्तरदायित्व को निभाते हुए पुलिस कर्मी अपने जीवन की आहुति को भी तत्पर रहते हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस व्यवस्था किसी भी राज्य की सुरक्षा एवं समृद्धि का एक आवश्यक अंग है। हमारे राज्य की पुलिस भी सेवा की भावना के अनुरूप कार्य करते हुए शान्ति एवं कानून व्यवस्था को बनाये रखने के लिए अनेकों चुनौतियों नशा, साइबर क्राईम, महिला अपराध, यातायात व्यवस्था, चारधाम यात्रा, आपदा, भूस्खलन, कांवड़ यात्रा आदि का प्रबंधन करती है। उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा इस वर्ष भी कांवड़ यात्रा में आये करीब 4 करोड़ से अधिक एवं चारधाम यात्रा में अब तक पहुंचे लगभग 50 लाख श्रद्धालुओ को सुगम यात्रा एवं दर्शन कराते हुए गन्तव्य तक सुरक्षित पहुंचाने में सराहनीय योगदान दिया है। जी-20 सम्मेलन, की राज्य में हुई तीन बैठकों में चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था को उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा सुनिश्चित कराया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2025 तक उत्तराखण्ड को नशा मुक्त राज्य बनाने का लक्ष्य रखा गया है। जिसके लिए सरकार द्वारा उत्तराखण्ड पुलिस के अन्तर्गत एक त्रिस्तरीय एण्टी नारकोटिक फोर्स का गठन किया गया है। इस दिशा में आगे बढ़ते हुए वर्ष 2021 से अब तक 04 हजार से ज्यादा नशे के सौदागरों के विरुद्ध कार्यवाही करते हुए लगभग 40 करोड़ रूपये के नारकोटिक पदार्थ बरामद किए गए हैं।

भू-माफिया तथा नकल माफियाओं से सम्बन्धित अपराधों पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए कठोर कानून लाये गये हैं। राज्य में माताओं और बहनों को सुरक्षित माहौल उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश के प्रत्येक थाने पर “महिला हैल्प डेस्क’’ खोले गये हैं। महिला सुरक्षा के लिए उत्तराखण्ड पुलिस एप के अन्तर्गत गौरा शक्ति मॉड्यूल बनाया गया, जिसमें एक लाख से अधिक पंजीकरण हो चुके हैं। वैवाहिक मामलों में काउंसलिंग हेतु प्रत्येक जनपद में महिला काउंसलिंग सेल खोले गये हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की स्मार्ट पुलिसिंग की परिकल्पना को साकार करते हुए पुलिस जवानों के कार्यस्थल एवं उनके बैरकों को स्मार्ट बनाये जाने के लिए भवन निर्माण के लिए 36 करोड़ रूपये की धनराशि को बढ़ाते हुए 57 करोड़ रूपया स्वीकृत किया गया है। एनसीआरबी द्वारा जारी क्राइम इन इंडिया 2021 रिपोर्ट के अनुसार चोरी अथवा लूटी गयी सम्पत्तियों की बरामदगी में उत्तराखण्ड राज्य 68 प्रतिशत के साथ प्रथम स्थान पर है। गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा सम्पूर्ण देश के थानों की स्वच्छता, अपराध एवं कानून व्यवस्था के आधार पर जो समीक्षा की गयी, जिसमें चम्पावत जनपद का ’’थाना बनवसा’’ देश के 16 हजार से अधिक थानों में शीर्ष तीन में स्थान बनाने में सफल हुआ।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर चार घोषणाएं की। उन्होंने कहा कि सेवा के दौरान पुलिस कर्मियों की अकाल मृत्यु होने पर आश्रित परिवार को तत्काल 01 लाख रूपये आर्थिक सहयोग दिये जाने के लिए पुलिस शहीद कल्याण कोष के लिए 02 करोड़ रूपये की धनराशि दी जायेगी। अराजपत्रित पुलिस कर्मचारियों का निःशुल्क वार्षिक स्वास्थ्य परीक्षण कराया जायेगा। अगले तीन वर्षों में पुलिस कर्मियों के आवास हेतु 100 करोड़ रूपये की धनराशि का प्राविधान किया जायेगा। पुलिस विभाग में मृतक आश्रितों की भर्ती संबंधी अड़चनों को दूर किया जायेगा।

21 अक्टूबर का दिन राज्य पुलिस बलों, केंद्रीय सशस्त्र बलों एवं सभी केंद्रीय पुलिस संगठनों के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है। 21 अक्टूबर 1959 को भारत की उत्तरी सीमा पर लद्दाख के 16 हजार फीट ऊँचे बर्फीले एवं दुर्गम क्षेत्र हॉटस्प्रिंग में केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सी.आर.पी.एफ.) की एक गश्ती टुकड़ी के 10 बहादुर जवानों ने SI करन सिंह के नेतृत्व में चीनी अतिक्रमणकारियों से लोहा लिया और अत्यन्त बहादुरी से लड़ते हुए अपनी मातृभूमि की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी थी। इन्ही वीर सपूतों के बलिदान की स्मृति में प्रत्येक वर्ष पूरे देश में 21 अक्टूबर को “पुलिस स्मृति दिवस” के रूप में मनाया जाता है।

विगत एक वर्ष में भारत में राज्य पुलिस एवं केन्द्रीय सुरक्षा बलों के कुल 188 कर्मियों ने कर्तव्यपालन के दौरान अपने प्राणों की आहुति दी है, इनका विवरण इस प्रकार हैः-

1 आन्ध्र प्रदेश 01

2 अरुणांचल प्रदेश 02

3 असम 02

4 बिहार 08

5 छत्तीसगढ़ 19

6 गुजरात 02

7 हिमाचल प्रदेश 07

8 झारखण्ड 02

9 कर्नाटक 16

10 केरल 02

11 मध्य प्रदेश 17

12 महाराष्ट्र 06

13 मणिपुर 08

14 नागालैण्ड 02

15 उडीसा 01

16 पंजाब 03

17 राजस्थान 01

18 तमिलनाडू 03

19 उत्तर प्रदेश 03

20 उत्तराखण्ड 04

21 पश्चिम बंगाल 04

22 दिल्ली 03

23 जम्मू एण्ड कश्मीर08

24 लद्दाख 01

25 असम राईफल 01

26 बी0एस0एफ0 22

27 सी0आई0एस0एफ0 01

28 सी0आर0पी0एफ0 15

29 आई0टी0बी0पी0 05

30 एस0एस0बी0 05

31 एन0डी0आर0एफ0 01

32 आर0पी0एफ0 13

कुल शहीदों की संख्या 188

 

पिछले 10 वर्षों में राज्य पुलिस एवं केन्द्रीय सुरक्षा बलों के शहीद पुलिस कर्मियों की संख्या इस प्रकार है-

2014- 662

2015- 434

2016- 471

2017- 379

2018- 414

2019- 292

2020- 265

2021- 377

2022- 264

2023- 188

 

वर्ष 2014 में 662 पुलिस कर्मी शहीद हुए थे। इस वर्ष 188 पुलिस कर्मी शहीद हुए हैं। मा0 प्रधानमंत्री एवं गृहमंत्री महोदय के कुशल नेतृत्व में देश की आन्तरिक सुरक्षा को सुदृढ़ करने हेतु उठाये गये प्रभावी कदमों के परिणामस्वरूप शहीदों की संख्या में कमी आयी है।

 

उत्तराखण्ड पुलिस के 04 जवानों ने इस वर्ष ड्यूटी के दौरान अपने प्राणों की आहुति दी है, जिनका विवरण इस प्रकार है-

उप निरीक्षक प्रदीप सिंह रावत, थाना चमोली

दिनांक 19-07-2023 को चमोली में नमामि गंगे परियोजना Sewage Treatment plant पर विद्युत करंट से एक व्यक्ति की मृत्यु होने पर मौके पर जाकर मृतक का पंचायतनामा भरते समय अचानक विद्युत करंट फैलने से उप निरीक्षक प्रदीप सिंह रावत की कर्तव्य पालन के दौरान मृत्यु हो गयी।

 

आरक्षी 369 ना0पु0 लक्ष्मण सिंह, पुलिस चौकी लालपुर, ऊधमसिंहनगर

पुलिस चौकी लालपुल, जनपद ऊधमसिंहनगर में तैनात आरक्षी 369 ना0पु0 लक्ष्मण सिंह दिनांक 06-11-2022 की रात्रि पुलिस चौकी प्रभारी लालपुर के साथ चौकिंग कर रहे थे। चैकिंग के दौरान ट्रक चालक द्वारा आरक्षी लक्ष्मण सिंह को टक्कर मारकर गंभीर रूप से घायल कर दिया गया। कर्तव्य पालन में गंभीर रूप से घायल आरक्षी लक्ष्मण सिंह उपचार के दौरान मृत्यु को प्राप्त हुए।

आरक्षी 573 ना0पु0 चमन सिंह तोमर, थाना बडकोट, उत्तरकाशी

दिनांक 09-07-2023 को आरक्षी 573 ना0पु0 चमन सिंह तोमर जनपद उत्तरकाशी क्षेत्रान्तर्गत स्थित डाबरकोट के Danger Zone में यात्रियों की सुरक्षा हेतु तैनात थे। ड्यूटी के दौरान पहाड़ी से पत्थर गिरने पर, पत्थर की चपेट में आने से श्री चमन सिंह तोमर की मृत्यु हो गयी।

 

आरक्षी 153 ना0पु0 जवाहर सिंह, कोतवाली रूडकी, हरिद्वार

कोतवाली रूडकी, हरिद्वार में तैनात आरक्षी 153 ना0पु0 जवाहर सिंह की, अभियोगों से सम्बन्धित मालों का परिक्षण कराकर विधि विज्ञान प्रयोगशाला देहरादून से वापस आते समय बिहारीगढ़ के पास, सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गयी।

देश भर की पुलिस के सभी शहीद पुलिस जनों को कोटि-कोटि नमन।

मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा पुलिस कर्मियों एवं उनके परिवारों के हितार्थ कई कल्याणकारी योजनाएं स्वीकृत की गयी हैं। इन योजनाओं से उत्तराखण्ड पुलिस कर्मी एवं उनके परिवार-जन लाभान्वित हो रहे हैं। विगत वर्ष पुलिस स्मृति दिवस के दिन मा0 मुख्यमंत्री महोदय द्वारा पुलिस जवानों के पौष्टिक आहार भत्ते में बढोत्तरी की गयी। 11000 फिट से अधिक ऊँचाई पर Rescue Operations करने वाले एस0डी0आर0एफ0 के जवानों के लिए 1000/- प्रतिदिन की प्रोत्साहन राशि स्वीकृत की गयी। पुलिस जवानों हेतु वर्दी भत्ता स्वीकृत किया गया।

प्रदेश सरकार द्वारा पुलिस विभाग के कर्मचारियों के सम्मान, कार्य-कुशलता तथा दक्षता को बनाये रखने के लिए उनकी पदोन्नति की समस्या पर ध्यान दिया गया और विभिन्न श्रेणी के नये पदों को सृजित किया गया। पिछले एक वर्ष में विभिन्न श्रेणी के लगभग 6000 पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों ने पदोन्नति पायी है। हाल में ही प्रदेश सरकार द्वारा पुलिस विभाग के लिए विभिन्न श्रेणी के 1613 रिक्त पदों पर नियुक्ति प्रदान की गयी है। इसके साथ ही सरकार ने जवानों के कार्यालयों एवं आवासीय सुविधा पर ध्यान देते हुए बृहत् निर्माण हेतु 57 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की है, जिससे हमारे भवनों का स्तर उच्चकोटि का हो सके ।

पुलिस मुख्यालय स्तर पर भी पुलिस जवानों के कल्याण हेतु विभिन्न कदम उठाये जा रहे हैं। इनमें से कुछ निम्नवत हैं –

1- पुलिस जवानों के लिए Smart Barrack की व्यवस्था ।

2- पुलिस कर्मियों की समस्याओं के त्वरित निस्तारण हेतु पुलिसजन समाधान समिति गठित करते हुए Whatsapp नम्बर जारी किया जाना ।

3- Police Salary Package के अन्तर्गत विभिन्न बैंकों द्वारा 50 लाख एवं 75 लाख रूपये तक का बीमा प्रदान किया जाना ।

4- मैक्स, मेट्रो जैसे बडे अस्पतालों में CGHS की दर पर पुलिस जवान एवं उनके आश्रितों को इलाज की सुविधा ।

5- जवानों के बच्चों के शिक्षा स्तर को बेहतर बनाये जाने के उद्देश्य से पुलिस माडर्न स्कूल में Smart Classes की व्यवस्था।

उपरोक्त के अतिरिक्त उपवा (Uttarakhand Police Wives Welfare Association) द्वारा दिव्यांग पुलिस कर्मियों एवं उनके परिवारजनों को कृतिम अंग वितरित किये जा रहे हैं। पुलिस कर्मियों के मेधावी व खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले बच्चों को पुरस्कृत किया जा रहा है। पुलिस परिवार की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने हेतु प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है, जिससे कई महिलाओं द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त कर स्वरोजगार शुरु किया गया है।

मुख्यमंत्री स्वयं एक सैनिक के सुपुत्र हैं तथा एक जवान की पीड़ा को अच्छी तरह समझते हैं। वे पुलिस कर्मियों की समस्या के प्रति गंभीर एवं संवेदनशील हैं। उनका रुख पुलिस कर्मियों के प्रति सकारात्मक है एवं वे सदैव उनके कल्याण के प्रति समर्पित रहते हैं। मुझे उम्मीद ही नहीं पूरा विश्वास है कि राज्य सरकार पुलिस कर्मियों के हित में नए नए कदम उठाती रहेगी।

आपके नेतृत्व में उत्तराखण्ड पुलिस का हर सदस्य सरकार के सकारात्मक रवैये को दृष्टिगत रखते हुए तथा अपने शहीद साथियों के बलिदान से प्रेरणा लेते हुए पूरी लगन, सत्यनिष्ठा एवं जोश से अपने दायित्वों का निर्वहन करेगा तथा कर्तव्यपालन की राह में आने वाली हर चुनौती का सामना करते हुए एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत करेगा।

स्मृति दिवस के अवसर पर माननीय मुख्यमंत्री द्वारा शहीद पुलिस कर्मियों के परिवारजनों को शॉल प्रदान कर सम्मानित किया गया।

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