
देहरादून : एलयूसीसी (लोनी अर्बन मल्टी स्टेट क्रेडिट एंड थ्रिफ्ट कोऑपरेटिव सोसायटी) के 500 करोड़ के घोटाले में सीबीआई/एसीबी देहरादून ने 46 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है. हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने मुकदमा दर्ज किया है. सोसायटी के सदस्यों के खिलाफ प्रदेश के देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी गढ़वाल, चमोली, टिहरी, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, बागेश्वर और नैनीताल जिले में 18 मुकदमे दर्ज हैं. घोटाले में एक जून 2024 को तृप्ति नेगी की ओर से कोतवाली कोटद्वार, जिला पौड़ी गढ़वाल में दी लिखित शिकायत के आधार पहला मुकदमा दर्ज किया गया था।
एलयूसीसी घोटाले में दर्ज थी 18 प्राथमिकी: बता दें कि एलयूसीसी ने प्रदेश में अलग-अलग जिलों में अपने कार्यालय खोलकर साल 2019 से जमा आपूर्ति, एफडी और आरडी की आड़ पर ठगी करनी शुरू की. साल 2024 में आरोपित सोसायटी के कार्यालय बंद कर फरार हो गए. उसके बाद पहली प्राथमिकी कोटद्वार कोतवाली में स्थानीय निवासी महिला तृप्ति नेगी की शिकायत पर पिछले साल एक जून को दर्ज की गई थी. इसके बाद प्रदेश के कई जिलों में एक के बाद एक कई शिकायतें आईं, जिन पर पुलिस ने कुल 18 प्राथमिकियां दर्ज कीं थी. इसके बाद इसकी जांच सीबीसीआईडी से भी कराई गई. इस मामले में प्रदेशभर में महिलाओं ने आंदोलन किया. देहरादून में सीएम आवास कूच भी किया गया था।
हाईकोर्ट से सीबीआई जांच की प्रार्थना की थी: वहीं इस मामले में ऋषिकेश निवासी आशुतोष ने 25 मार्च 2025 को हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि मैसर्स लोनी अर्बन मल्टी स्टेट क्रेडिट एंड थ्रिफ्ट कोऑपरेटिव सोसाइटी अवैध रूप से संचालन हो रही है और जनता के धन का दुरुपयोग किया जा रहा है।
याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट से सोसाइटी के पदाधिकारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने का अनुरोध किया. उसके बाद अपर तुनवाला निवासी विशाल छेत्री ने हाईकोर्ट में एक और जनहित याचिका दायर की. उन्होंने भी एलयूसीसी के खिलाफ इसी तरह के आरोप लगाए. याचिका के माध्यम से उन्होंने उत्तराखंड के हाईकोर्ट से मामले की सीबीआई जांच के लिए प्रार्थना की. हाईकोर्ट ने 17 सितंबर 2025 को सीबीआई को निर्देश दिया कि वह उत्तराखंड में एलयूसीसी से संबंधित सभी आपराधिक मामलों की जांच करे।
यूएलसीसी घोटाले में 46 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज: सीबीसीआईडी और पुलिस ने कुल 10 प्राथमिकियों में चार्जशीट भी दाखिल कर दी. अब पिछले दिनों हाईकोर्ट ने इस मामले में सीबीआई जांच के आदेश दिए थे. इसी क्रम में सीबीआई देहरादून शाखा ने इस प्रकरण में कोटद्वार कोतवाली की प्राथमिकी को आधार बनाते हुए यह प्राथमिकी दर्ज की है. इसमें बाकी प्राथमिकियों के तथ्यों और आरोपियों के नामों को शामिल किया गया है. सीबीआई ने दो अभिनेताओं समेत कुल 46 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
यूएलसीसी ने उत्तराखंड में 35 शाखाएं खोली थी: यूएलसीसी ने उत्तराखंड में 35 शाखाएं खोली थीं. जिसमें लोगों को कम समय में अधिक मुनाफे का लालच देकर पैसा जमा कराया गया. विदेश में सोना, तेल, रिफाइनरी सहित अन्य क्षेत्रों में निवेश कर मुनाफे का भी लालच दिया गया. कुछ लोगों की निवेश की गई राशि परिपक्व होने के बावजूद उन्हें पैसा नहीं लौटाया गया. पूर्व में इस मामले में पुलिस कुछ लोगों को गिरफ्तार भी कर चुकी है।
सीबीआई ने कोटद्वार के मुकदमों को मूल एफआईआर माना: हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने कोतवाली कोटद्वार, जिला पौड़ी गढ़वाल में दर्ज मुकदमों को मूल एफआईआर मानते हुए मुकदमा पंजीकृत किया. सोसाइटी के अलग-अलग पदाधिकारियों और एजेंटों सहित अन्य के खिलाफ अलग-अलग थानों में मुकदमे दर्ज है।
यूएलसीसी के ब्रांड एंबेसडर रहे दो अभिनेताओं के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज: यूएलसीसी घोटाले में दो अभिनेताओं को भी देहरादून के रायपुर थाने में एक मुकदमे में नामजद किया गया है. अब सीबीआई की ओर से दर्ज मुकदमे में दोनों अभिनेताओं को आरोपियों की सूची में शामिल किया गया है. पीड़ितों ने शिकायत दर्ज कराई थी कि समिति भारत सरकार के अधीन पंजीकृत संस्था है, जिसके ब्रांड एंबेसडर दो फिल्म अभिनेता हैं. आरोपियों के झांसे में आकर पीड़ितों ने करोड़ों रुपए का निवेश कर दिया था।
अभिनेता के घर पहुंची थी सीबीसीआईडी की टीम: इस मामले में पहले से जांच कर रही सीबीसीआईडी की एक टीम पिछले दिनों एक अभिनेता के घर पहुंची थी. गिरफ्तारी से बचने के लिए अभिनेता ने सर्वोच्च न्यायालय से गिरफ्तारी से स्टे ले लिया था. साथ ही घोटाले का मुख्य आरोपी समीर अग्रवाल जो कि करोड़ों रुपए का घोटाला कर विदेश फरार हो गया है, उसके खिलाफ ब्लू कॉर्नर नोटिस और लुक आउट नोटिस जारी किए गए है।
किन लोगों के पैसे फंसे हैं? एलयूसीसी (लोनी अर्बन मल्टी क्रेडिट एंड थ्रिफ्ट कोऑपरेटिव सोसायटी) पर आरोप है कि उसने करीब 500 करोड़ का गबन किया है. जो मुकदमे दर्ज हुए और जांच में जो पता चला उसके अनुसार LUCC में पैसे जमा करने वाले मध्यम और निम्न आय वर्ग की जनता शामिल थी. खासतौर से गृहणियों और दिहाड़ी पर काम करने वाली महिलाओं ने अच्छा मुनाफा कमाने के लिए पैसे जमा किए थे. कंपनी का मालिक नवी मुंबई का निवासी बताया जा रहा है।
गृहमंत्री से मिले थे चार सांसद: उत्तराखंड में इस यूएलसीसी घोटाले के खिलाफ इतना आक्रोश था कि राज्य भर में आंदोलन हुए थे. लोगों ने अपने इलाकों के विधायकों और सांसदों से भी अपनी आवाज उठाने की मांग की थी. इसके बाद इसी साल 24 जुलाई को राज्य के चार सांसद अनिल बलूनी, त्रिवेंद्र सिंह रावत, अजय भट्ट और माला राज्यलक्ष्मी शाह ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी।



