
नई दिल्ली : बहुजन समाज पार्टी (बी.एस.पी.) की राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री बहन कु. मायावती ने दिल्ली में आयोजित पार्टी की महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक में देश की मौजूदा राजनीतिक व आर्थिक स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि —
देश में अमीर और गरीब के बीच की खाई लगातार बढ़ रही है। बेरोजगारी, गरीबी और भ्रष्टाचार के कारण आम जनता त्रस्त है, लेकिन सरकारें जनता की समस्याओं पर गंभीर नहीं हैं, बल्कि अपनी राजनीति में व्यस्त हैं।”
बहनजी ने मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ की बिगड़ती कानून-व्यवस्था पर कहा कि जनता भय के माहौल में जी रही है, पर सरकारें जिम्मेदारी से बच रही हैं।
उन्होंने गुजरात का उदाहरण देते हुए कहा कि “दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों और धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ अन्याय और हिंसा पर सत्ता मौन क्यों है?” सरकार को संविधान की मंशा के अनुसार सर्वसमाज के कल्याण की दिशा में काम करना चाहिए।
उत्तर भारत की स्थिति पर चर्चा करते हुए मायावती ने कहा —
उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों से रोज़गार की तलाश में पलायन कर रहे लाखों परिवारों की स्थिति बेहद चिंताजनक है। दिल्ली जैसी राष्ट्रीय राजधानी में भी ‘अच्छे दिन’ केवल कागज़ों पर हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि देश में कानून व्यवस्था पर भरोसा तभी बनेगा जब गलत घटनाओं पर तुरंत और निष्पक्ष कार्रवाई हो।
बी.एस.पी. का स्पष्ट संदेश : ‘शोषित से शासक वर्ग’ बनने का मिशन
मायावती ने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि —
“अब समय आ गया है कि बहुजन समाज अपने हक और हिस्से की लड़ाई को मिशन बनाकर ‘शोषित से शासक वर्ग’ बने। यूपी की तरह ही सभी राज्यों में कार्यकर्ताओं को अपने अंदर वही जोश और जज़्बा पैदा करना होगा।”
6 दिसंबर 2025 को देशभर में होगा बड़ा आयोजन
बहनजी ने घोषणा की कि आगामी 6 दिसंबर 2025 को “बहुजन समाज” के मसीहा परमपूज्य बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की परिनिर्वाण (देहांत) दिवस के अवसर पर दिल्ली, राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और गुजरात में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
उन्होंने निर्देश दिया कि यह आयोजन कोई दिखावा नहीं बल्कि मिशनरी भावना से होना चाहिए, ताकि समाज में सही मानवीयता और कल्याणकारी विचार को बल मिल सके।
मायावती का अंतिम संदेश :
“जनता की समस्याओं के समाधान के बिना देश की तरक्की संभव नहीं।
बहुजन समाज पार्टी सिर्फ सत्ता की राजनीति नहीं करती, बल्कि संविधानिक सिद्धांतों पर आधारित
एक मानवतावादी व कल्याणकारी व्यवस्था स्थापित करने का संकल्प रखती है।”


