कर्ज माफी को लेकर धार्मिक एकता ट्रस्ट ने चलाया कर्ज मुक्त भारत अभियान।
जनता की कर्ज माफी को लेकर के धार्मिक एकता ट्रस्ट के बैनर तले कर्ज मुक्त भारत अभियान चलाया जा रहा है, जिसके तहत 8 अगस्त को दिल्ली के रामलीला मैदान में प्रमाण पत्र बांटने का कार्यक्रम शुरू किया गया था, उसी को आगे बढ़ते हुए 23 अगस्त 2023 को छत्तीसगढ़ राज्य की राजधानी रायपुर में छत्तीसगढ़ के जितने भी कर्जदार है, उन सभी को प्रमाण पत्र दिया गया जो लोग पहले से ही कर्ज माफी के लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन फॉर्म भर चुके हैं।
सभी का डाटा केंद्र सरकार को भेजा जाता है, जिसे केंद्र सरकार फाइल नंबर देती है और सभी के लिए केंद्र सरकार विचार कर रही है, यह प्रमाण पत्र उन सभी कर्जदारों को राहत दिलाने में सहयोगी होता है, जो लोग कर्ज से परेशान हैं बैंक के द्वारा टॉर्चर किया जा रहे हैं किसी एनबीएफसी के द्वारा टॉर्चर किया जा रहे हैं किसी भी वित्तीय संस्थाएं समूह के द्वारा प्रताड़ित किए जा रहे हैं, उन सभी को जानकारी मिल पाती है कि इन सभी ने बैंक और एनबीएफसी को तो मौखिक रूप से अपनी समस्या बताया ही है, और साथ ही साथ केंद्र सरकार को अपना आवेदन दे रखा है यह सभी कर्ज से परेशान और सरकार जल्दी से निर्णय लेगी सरकार ने जैसे बड़े-बड़े उद्योगपतियों का कर्ज माफ किया है वैसे ही आम जनता का भी कर्जा माफ होगा।
छत्तीसगढ़ के प्रदेश प्रभारी विनोद गुप्ता भारती ने बताया कि भारत सरकार को 11 बार सभी 8 लाख लोगों का डाटा भेजकर अनुरोध किया कि सभी के कर्जे को माफ़ किया जाय पर सरकार ने अब तक कोई ठोस बात नहीं कही इसलिए ये ऐलान भी कर दिया कि यदि वर्तमान सरकार जनता के कर्ज को माफ नहीं करती है, तो छत्तीसगढ़ के आम नागरिक जो कर्ज से परेशान हैं उन सभी को राजनीति सिखा करके चुनाव लड़ा करके सदन में भेजा जाएगा। उन्होंने बताया कि अब राजनेताओं के पास दो ही विकल्प है या तो जनता का कर्ज माफ करें या फिर जनता के खिलाफ चुनाव लड़े। एक तरफ जनता होगी जो नेताओं के द्वारा निर्मित किए गए कर्ज से परेशान है और दूसरी तरफ नेता होंगे जिन्होंने बड़े पूंजीपतियों का कर्जा माफ़ किया है।
2024 का इलेक्शन जनता बनाम नेता होगा और आम जनता इसके लिए तैयार है। सड़क से लेकर संसद तक का सफर तय करने के लिए सभी तैयार है सबने कहा जो जनता का कर्जा माफ करेगा हम उसका साथ देंगे उसी को वोट देंगे। ये अभियान पूरे भरत देश के हर कोने में चल रहा है जम्मू से कन्याकुमारी तक गुजरात से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक ये अभियान निशुल्क चल रहा है केंद्र शासित प्रदेशों में भी ये अभियान चल रहा है।
सरकार के द्वारा जीएसटी, नोटबंदी, Lockdown तीन बड़े बड़े बदलाव किए गए जिसकी वजह से लोगों कि आर्थिक स्थिति कमज़ोर हो गई है व्यापार धंधे नही चल पा रहे, नौकरी नहीं मिल रही है।
सबकी के मांग है कि
1. जैसे उद्योगपतियों का कर्जा writeoff,waiveoff,underwrite,haircut इत्यादि के नाम से माफ़ किया जाता है यही सुविधा आम जनता को भी मिले।
2. यदि सरकार को लगता है कि माफ नहीं किया जा सकता तो कम से कम दो साल का ब्याज रहित और जुर्माना रहित समय मिले जिससे कि वे पहले कमाई कर पाएं और फिर कर्जा पटा पाएं।
3. वित्तीय क्षेत्रों से जुड़ी बहुत सी संस्थाओं ने व्यक्तियों से मूल धन से तीन गुना चार गुना रकम वसूल किया है और उसके बावजूद दो गुना रकम बाकी है ऐसे सभी संस्था जो मनमानी कर रही है इसको रोका जाय और लाइसेंस रद्द किया जाय।
Lockdown लगाने में कर्जदारों की कोई भूमिका नहीं है जिसकी वजह से वे बर्बाद हो गए, इसलिए वे चाहते हैं कि जब समस्या सरकार द्वारा निर्मित की गई है तो सरकार इसकी जिम्मेदारी लेकर सभी के कर्जे को माफ करे। सरकार से जब उद्योगपतियों का कर्जा माफ़ किया ही है तो आम जनता का क्यों नहीं, आम जनता को भी राहत मिलनी चाहिए।
पूरी व्यवस्था सुचारू रूप से चले इसके लिए रजत सिंह भारतीय ने टीम बनाकर पहले से ही सभी स्वयं सेवकों की टीम गठित करके जिम्मेदारी सौंप दी ताकि सभी को कर्जा मुक्ति के प्रमाण पत्र आसानी से दिया जा सके।
स्वयं सेवकों की टीम में मुख्य रूप से भूपेंद्र सिंह, राहुल मिश्रा, संगीता बर्मन, सत्य नारायण, संजय यादव, तामेश्वर देवांगन, अवतार सिंह, दीपक संगतानी आदि मौजूद रहे जिन्होंने देर रात सभी को प्रमाण पत्र जारी किया।