उत्तराखंडदेहरादून

कांग्रेस नेता के खिलाफ उठाई संयुक्त गोर्खा समाज ने आवाज।

देहरादून : प्रेस क्लब देहरादून में ” संयुक्त गोर्खा समाज “की महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता में गोर्खाली सुधार सभा के अध्‍यक्ष पदम सिंह थापा ने समस्त सम्मानित प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया बंधुओं को अवगत कराया कि विगत सोमवार 16 दिसम्बर 2024 को मीडिया को जारी किये गये एक बयान में कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्‍यक्ष गणेश गोदियाल ने राज्य में होने वाले नेपाली भाषा शिक्षकों की भर्ती का विरोध का करते हुए कहा कि “यह दुर्भाग्य है कि अब उत्तराखण्ड में नेपाली भाषा के शिक्षक भर्ती किये जायेंगे ” उनके इस बयान ने उनकी गोरखा समाज के प्रति संकीर्ण मानसिकता एवं निम्न स्तर की दुर्भावना का परिचय दिया गया है। जहां एक और हम पूरे देश में भाषा और संस्कृति के संवर्धन की परिकल्पना लेकर कार्य करते हैं। वहीं उत्तराखंड जैसे प्रदेश में जहां पर कि विभिन्‍न प्रादेशिक बोली -भाषा के लोग मिल जुलकर आपसी सौहार्द पूर्ण रिश्ता रखकर एकसाथ रहते हैं। देश के स्वतंत्रता आंदोलन में प्रथम गोर्खा शहीद मेजर दुर्गा मल्ल ( आजाद हिंद फौज), शहीद कैप्टन दल बहादुर थापा लेकर राज्य स्थापना के आन्दोलनकारी तक और भारतीय सेना में परमवीरक्र से अलंकृत ले० कर्नल धन सिंह थापा एवं लाखों गोर्खा सैनिकोंकी वीरता, देशभक्ति एवं बलिदान हर क्षेत्रमें गोर्खाओं का योगदान सर्वविदित हैं |

ऐसे में एक वरिष्ठ राजनेता द्वारा नेपाली भाषा को लेकर ऐसा बयान देना उनकी दूषित मानसिकता को दर्शाता हैं।

जबकि भारतीय संविधान प्रदत्त भाषा की मान्यताओं में नेपाली भाषा भी आठवीं अनुसूची में मान्यता प्राप्त है। उत्तराखण्ड राज्य में लाखों नेपाली भाषी लोग निवास करते हैं।

गणेश गोदियाल के

उपरोक्त बयान से प्रदेश व देशभर में रह रहे समस्त गोर्खाओ के मन व स्वाभिमान को क्षति पहुंची है, व भारतीय गोरखा समाज उनके इस वक्तव्य की घोर आलोचना करता है।और समस्त गोर्खा समुदाय ऐसे राजनेताओं का बहिष्कार करता है जो गोर्खा समाज के प्रति दोयम दर्जा और दुर्भावना रखते हो।दिनांक 18 दिसम्बर 2024 को संयुक्त गोर्खाली समाज की ओर से कांग्रेस के प्रदेश अध्‍यक्ष श्री करन माहराजीको एक ज्ञापन भी सौंपा गया था परंतु उनके द्वाराभी कुछभी प्रतिक्रिया न आनेसे भी समुदाय हतोत्साहित है |

आज समस्त गोर्खाली समुदाय कड़े विरोधके साथ यह आह्वान भी करता है कि यदि इस प्रकरण में यदि गणेश गोदियाल जी द्वारा समस्त गोर्खा समुदाय से सार्वजनिक माफी नहीं मांगी गई तो आगे अपनी भाषा- संस्कृति व अपने समुदायकी मान मर्यादा की रक्षा करने हेतु संयुक्त गोर्खा समाज संवैधानिक रूप से आंदोलन कर बहिष्कार करने हेतु सड़कों पर उतरने को बाध्य होगा।

आज इस प्रेस वार्ता में संयुक्त गोर्खा समाज का नेतृत्व करते हुए गोर्खाली सुधार सभा के अध्‍यक्ष पदम सिंह थापाजी , गोर्खा प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक अभिषेक शाही, सभाके वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजन क्षेत्री, उपाध्यक्ष पूजा सुब्बा चंद ,महामंत्री गोपाल क्षेत्री,मीडिया प्रभारी प्रभा शाह समस्त शाखा अध्यक्ष, बलभद्र खलंगा विकास समिति के पूर्व अध्‍यक्ष कर्नल डी० एस० खड़का, उपाध्यक्ष विनय गुरूंग, उत्तराखण्ड राज्य नेपाली भाषा समिति के अध्‍यक्ष मधुसूदन शर्मा , कै० आर०एस०थापा, वीर गोर्खा कल्याण समिति के अध्यक्ष कमल थापा, महामंत्री विशाल थापा कोषाध्यक्ष टेकू मगर, ओ०पी ० गुरूंग , कै० दिनेश प्रधान ,कर्नल माया गुरूंग , बी०पी० ढकाल, रणवीर सिंह थापा, कुशल बोहरा, नीरा थापा, सपना मल्ल ,राजीव गुरूंग , वरूण क्षेत्री , राजेंद्र शाह, उदय ठाकुर, शमशेर थापा, सुशील भण्डारी , अनिल थापा, हेम विक्रम शाही , संजय मल्ल, गोर्खा समुदायकी समस्त उपजातीय समितियों और संघ-संस्थाओं के अध्यक्ष/ प्रतिनिधि , पूर्व सैन्य अधिकारी व पूर्वसैनिक एवं समुदाय के बुद्धिजीवी महानुभावजन, मातृशक्‍तियाँ एवं युवा वर्ग भारी संख्या में उपस्थित रहे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button