उत्तराखंडदेहरादून

संविधान दिवस एवं जनजातिय पखवाड़ा धूमधाम से मनाया।

इतिहास को जाने और इतिहास बनाएं" - डॉ. बुटोइया।

देहरादून : राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रूपऊ कालसी, देहरादून में 15 नवंबर जनजातिय गौरव दिवस पर आयोजित पखवाड़े की शुरुआत से लेकर संविधान दिवस तक धूमधाम से हर्षोल्लास के साथ विभिन्न प्रतियोगिताओं के आयोजन किए गए। जूनियर वर्ग में विभिन्न प्रतियोगिताओं में ओवरऑल प्रथम द्वितीय एवं तृतीय स्थान क्रमशः जूनियर वर्ग में विशाखा, अनन्या, एवं साक्षी हाईस्कूल स्तर पर क्रमशः सुमन, राधिका एवं सपना रहे। भारत का संविधान की उद्देशिका की शपथ विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक डॉ. जितेन्द्र सिंह बुटोइया ने सभी छात्र-छात्राओं शिक्षिका एवं अध्यापकों को अंग्रेजी में दिलवाई। विद्यालय की शिक्षिका मीनाक्षी तिवारी ने संविधान के बारे में जानकारी देते हुए न्याय – सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय को भली-भांति समझाया। राजकीय प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक सलकराम जोशी ने स्वतंत्रता और समानता के बारे में सभी को संविधान में वर्णित अनुच्छेदों की जानकारी प्रदान की एवं जागरूक किया। शिक्षक देवेश डिमरी ने भारत का संविधान में वर्णित बंधुता एवं एकता व अखंडता को विस्तार से समझाया। भारत का संविधान को सभी के द्वारा सर्वश्रेष्ठ ग्रंथ बताया गया। उन्होंने बताया कि आज ही के दिन 26 नवंबर 1949 को संविधान की प्रारूप समिति के अध्यक्ष भारत रत्न डॉ. बी. आर. अंबेडकर के द्वारा भारत का संविधान भारत के राष्ट्रपति को सोंपा गया था। अंत में जनजातीय गौरव पखवाड़े का समापन जौनसार के प्रसिद्ध गीतों के साथ किया गया। जिसमें विद्यालय के छात्र एवं छात्राओं के द्वारा रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए एवं बिरसा मुंडा को श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए। उनके बताए मार्ग पर चलने का आह्वान किया गया।

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