हिंदू एकता के लिए बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने किया शंखनाद।
छतरपुर। देश के जाने माने कथावाचक बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने हिंदुओ को एक करने के लिए बड़ा ऐलान किया है. बाबा बागेश्वर हिंदुओं में जात-पात, ऊंच-नीच को खत्म करने के लिए 158 किलोमीटर पैदल यात्रा पर निकलने वाले हैं. बागेश्वर बाबा ने भारत की वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए हिंदुओं को एक करने के लिए जो संकल्प लिया है, उसकी शुरुआत 21 नवम्बर से होगी. ये पदयात्रा छतरपुर से ओरछा के राजा राम मंदिर तक 158 किलोमीटर की होगी।
पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने पैदल यात्रा का उद्देश्य बताया।
पैदल यात्रा उद्देश्य बताते हुए धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा “जातिवाद की भयंकर मानसिकता के कारण ही श्री रामचरितमानस का जलाना, हिंदू बेटियों पर अत्याचार, कोलकाता की बेटी की लज्जा भंग कर निर्दयतापूर्ण हत्या करना, पालघर के संतों को बर्बरतापूर्वक मारना, बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ बर्बरता, उनकी बहू-बेटियों की इज्जत के संग खिलवाड़ करना, ये सब दूषित मानसिकता के कारण हो रहा है. कल अगर देश के अन्य हिंदुओं के साथ भी घटना घटित होगी तो हिंदू कहां जाएगा।
अप्रवासी हिंदुओं पर अत्याचार के मामले उठाए।
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर ने कहा “हिंदू एकजुट नहीं है. दुनिया में किसी भी देश के धर्म पर किसी भी मजहब के लोगों पर यदि कोई संकट आता है तो वह अपने देश चले जाते हैं, लेकिन हिंदुओ के लिए कोई देश नहीं है. इसलिए हिंदुओं को एक करने के लिए हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए यात्रा की शुरुआत की जा रही है. भविष्य में ऐसी यात्रा पूरे देश मे निकाली जाएगी.” धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने कहा “वर्तमान की परिस्थितियों को देखकर बड़ा दुख होता है कि सूरीनाम, म्यांमार, नेपाल, फ़िजी व अन्य देशों में रहने वाले अप्रवासी हिंदुओं पर अत्याचार होने पर उनके पास भारत आने का विकल्प रहता है. अगर भविष्य में भारत के हिंदुओं पर अत्याचार व बर्बरता हुई तो यहां का हिंदू कहां जाएगा।
हिंदुओं को जातिवाद से बाहर निकलना होगा।
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा “इसलिए हिंदुओं को जात-पात, ऊंच-नीच को खत्म कर हम सब को एक मंच पर आना होगा, तभी भारत हिंदू राष्ट्र बनेगा और हम सुरक्षित रहेंगे. वर्तमान में भारत की स्थिति बहुत विचित्र है. भारत के लोग बंट रहे है।
इसलिए बार-बार उन पर हमले हो रहे हैं. हम कई देशों में अल्पसंख्यक हो गए हैं. एक विशेष वर्ग के द्वारा सनातनियो को टारगेट किया जा रहा है, क्योंकि हम सनातनी एक नहीं हैं. अब हमने प्रण लिया है गांव-गांव जाकर, बिछड़े ओर पिछड़े लोगों को गले लगाकर उनको एहसास दिलाकर बताए जाएगा कि हम एक हैं. हम हिंदू हैं, जातियों में नहीं है।