उत्तराखंडदेहरादून

जिलाधिकारी के आदेश का कई पार्टियों ने किया विरोध।

देहरादून : जिला अधिकारी देहरादून के आदेश का कई पार्टियों ने विरोध किया है, जिलाधिकारी का आदेश यह है कि यातायात व्यवस्था तथा जन आक्रोश को मद्देनजर देहरादून शहर के मुख्य स्थान/चौक चौराहे पर जैसे ,एस्ले हाल ,गांधी पार्क ,घण्टाघर ,दर्शन लाल चौक ,तहसील चौक ,बुध्दा चौक तथा लैन्सडाऊन चौक के इर्दगिर्द जलूस, प्रदर्शन तथा धरने पर प्रतिबिन्धित हैं ।

इस सन्दर्भ में जिलाधिकारी द्वारा एकतरफा आदेश से बहुजन समाज पार्टी, सी पी आई (एम), उत्तराखण्ड क्रान्ति दल ,राष्ट्रीय उत्तराखण्ड पार्टी ,उत्तराखण्ड आन्दोलनकारी संयुक्त परिषद ,अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति ,एस एफ आई ,सीआईटीयू ,भीम आर्मी ,उत्तराखण्ड पीपुल्स फ्रन्ट ,नेताजी संघर्ष समिति सहमत नहीं है,

जिलाधिकारी द्वारा जो भी स्थान प्रतिबन्धित सूची में डाले गये वे ऐतिहासिक स्थल है , जहाँ हमारे राष्ट्र की ऐतिहासिक धरोहर है, गांधी पार्क में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, देश के पहले प्रधानमन्त्री पण्डित जवाहर नेहरू, नेता सुभाषचंद्र बोस आदि महानुभावों की आदमकद मूर्तियां स्थापित है।

इसी प्रकार घण्टाघर के इर्दगिर्द संविधान निर्माता बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर, देश के प्रथम गृहमंत्री लोहपुरुष सरदार बल्लभ भाई पटेल,पर्वतीय गांधी इन्द्रमणी बडोनी, हिमाचय पुत्र पूर्व मुख्यमंत्री तथा केन्द्रीय वित्त मन्त्री स्व हेमवन्ती नन्दन बहुगुणा जीव आदमकद मूर्ति लगी हुई है ।

इसी प्रकार बुध्दा चौक पर बुध्द भगवान की आदमकद मूर्ति स्थापित है, इसी प्रकार दीनदयाल पार्क में वर्तमान डबल इन्जन सरकार के प्रेणता पण्डित दीनदयाल उपाध्याय की मूर्ति स्थापित है, इन महापुरूषों के मानने वाले वक्त बेबक्त एवं विशेष अवसरों उन्हें याद करने के लिये सामूहिक रूप से दशकों से एकत्रित होते रहे हैं आगे भी इकट्ठा होते रहेंगे ।

जिला मुख्यालय होने वाले सभी प्रदर्शन इन्ही स्थानों से गुजरते रहे है, पूर्व में भी देहरादून से दूर जंगल में धरने /प्रदर्शन का स्थान आवंटित किया गया जिसका सर्वत्र विरोध हुआ था ।

हमारे देश एक जनतान्त्रिक देश है जहाँ कोई अति महत्वपूर्ण फैसले लेने में चुने हुये जनप्रतिनिधियों, मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों तथा प्रमुख सामाजिक संगठनों तथा जानमानी हस्तियों की बैठक बुलाकर विचार विमर्श कर सोच समझकर फैसला लिया जाता है किन्तु आज पुलिस रिपोर्ट तथा कुछ लोगों से फीडबैक बड़े फैसले लिये जाते हैं जो कि जनतान्त्रिक व्यवस्था में ठीक नहीं है, विभिन्न राजनीतिक दल उक्त फैसले की व्यापक समीक्षा की पक्षधर है, कृपया सर्वदलीय बैठक बुलाकर  लिये गये आदेश पर पुर्नविचार करें ।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button