देहरादून : ओला, ऊबर, ब्लाब्ला एवं रैपिडो कम्पनी द्वारा देहरादून में बिना एग्रीगेटर लाईसेंस के वाहनों के संचालन की शिकायतों पर सख्त रूख अपनाते हुए आरटीओ शैलेश तिवारी के निर्देशन पर प्रवर्तन दलों द्वारा द्वारा देहरादून के विभिन्न क्षेत्रों में चैकिंग अभियान चलाया गया है।
अभियान का नेतृत्व एआरटीओ(प्रवर्तन) राजेन्द्र विराटिया द्वारा किया गया। एआरटीओ प्रवर्तन राजेन्द्र विराटिया की अगुवाई में 05 टीमों द्वारा सहारनपुर मार्ग, प्रेनमगर क्षेत्र, चकराता रोड़, हरिद्वार मार्ग एवं शहर क्षेत्र में सघन चैकिंग अभियान चलाया गया।
टीमों द्वारा रैपिडो, ओला के अन्तर्गत बिना वैध प्रपत्रों के संचालित 32 वाहनों को सीज किया गया है। इसमें रैपिडो के अन्तर्गत कई प्राईवेट दुपहिया वाहनें भी किराये पर संचालित पाए गए।
आरटीओ शैलेश तिवारी द्वारा स्वयं भी मौके पर जाकर चैकिंग अभियान में वाहनों की चैकिंग की गयी।एग्रीगेंटर के लिए लाईसेंस लेना अनिवार्य:
आरटीओ शैलेश तिवारी द्वारा बताया गया कि मोटरवाहन एग्रीगेटर गाईड लाईन्स 2020 व उत्तराखण्ड आॅन-डिमाण्ड(सूचना प्रौद्योगिकी आधारित) ठेका गाड़ी द्वारा परिवहन नियमावली-2020(यथासंशोधित-2024) के प्रावधानों के अनुसार कोई भी व्यक्ति तब तक एग्रीगेटर के रूप में कार्य नहीं कर सकता है जब तक उसने इस हेतु लाईसेंस प्राप्त न किया हो।
इन एग्रीगेटर को आरटीओ द्वारा कई बार नोटिस जारी किया गया है किन्तु उनके द्वारा अभी तक लाईसेंस नहीं लिया गया। बिना लाईसेंस आॅनलाईन माध्यम से वाहन चलाने पर एग्रीगेटर के विरूद्ध चालान की कार्यवाही की जा रही है। एग्रीगेटर पर रू0 1.00 लाख तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। अगर इसके बाद भी इनके द्वारा नियमों का पालन नहीं किया जाता है तो इनका संचालन बन्द करा दिया जायेगा।
आरटीओ ने की वाहन चालकों से अपील: आरटीओ द्वारा वाहन चालकों से भी अपील की गयी है कि रैपिडो, ओला, उबर आदि द्वारा अभी तक एग्रीगेटर लाईसेंस नहीं लिया गया है। अतः इनके अन्तर्गत किराये पर वाहन का संचालन किया जाना अवैध है।
इसके अतिरक्ति रैपिडो में प्राईवेट वाहनों के संचालन न करें। नियमानुसार वाहन का व्यावसायिक रूप से पंजीयन करवाकर ही रैपिडो में संचालित करें। प्राईवेट वाहन का किराये पर संचालन करते पाये जाने पर भारी जुर्माना लगता है। वाहन चालकों द्वारा इस सम्बन्ध में जानकारी हेतु आरटीओ कार्यालय में सम्पर्क किया जा सकता है।
अभियान में एम0डी0 पपनोई, श्वेता रौथाण, अनुराधा पन्त एवं जितेन्द्र बिष्ट, परिवहन कर अधिकारी सम्मिलित थे।