देहरादून : रणबीर सिंह की पुलिस द्वारा बर्बर पिटाई के बाद बीते 25 जून 024 न्यायिक हिरासत में जिलाकारागार देहरादून में संदिग्ध परिस्थितियों में तथा इसकी जांच के लिऐ विभिन्न संगठनों ने 31 जुलाई को राज्य मानवाधिकार आयोग में गुहार लगाई जिसपर आयोग ने वरिष्ठ जेल अधीक्षक देहरादून को 4 सितम्बर 024 को आयोग में पेश होने के निर्देश दिये हैं ।
तत्पश्चात आयोग ने रणबीर की संदिग्ध में मौत की जांच करेगा ।याचिकाकर्ताओं ने आयोग से मृतक के परिवार पत्नी तथा तीन बच्चों के भरणपोषण के लिऐ समुचित मुआवजे का भी अनुरोध किया है ,साथ ही इस प्रकरण से जुड़े सभी दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त सजा देने की भी गुहार लगाई, इससे पहले आयोग ने इस सन्दर्भ एक आदेश पारित कर नवंबर माह में जेल महानिरीक्षक को पेश होने के निर्देश दिये ।
ज्ञातब्य है कि न्यायिक अभिरक्षा एवं पुलिस अभिरक्षा में निरन्तर बढ रही मृत्यु पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने गहरी चिन्ता जताई तथा पूरे देश में मृतक के आश्रितों को 5 लाख तक मुआवजा देने के निर्देश केन्द्र /राज्य सरकार को दिये जिसे उत्तराखण्ड सरकार ने गत कुछ दिन पहले अपने राज्य में लागू किया ।रणबीर मामले में माननीय जुडिशल मजिस्ट्रेट द्वितीय द्वारा न्यायिक की प्रक्रिया गतिमान है ।
उक्त मामला उत्तराखण्ड विधानसभा में प्रतापनगर के विधायक बिक्रमसिंहनेगी द्वारा उठाकर सीबीआई जांच की मांग की गई, गुजरात में वहां उत्तराखण्ड के प्रवासियों द्वारा उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री तथा प्रधानमंत्री को ज्ञापन प्रेषित कर मृतक रणबीर सिंह एवं उसके परिवार के साथ न्याय की मांग की गई तथा दोषियों को दण्डित करने की मांग की गई ।मृतक रणबीर सिंह के परिवार के भरणपोषण के लिऐ जागरूक नागरिकों द्वारा आर्थिक सहयोग देना का सिलसिला जारी है ।