देहरादून : आज उत्तराखंड राज्य के अनेक प्रमुख जन संगठनों एवं विपक्षी दलों ने राज्यपाल के नाम पर ईमेल द्वारा खुला खत सौंपवाते हुए राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि वह लगातार छुआछूत, जातिवाद और हिंसा को बढ़ावा दे रही है। दुकानों पर नाम लिखने का आदेश को निंदा करते हुए हस्ताक्षरकर्ताओं ने कहा कि खाना खाने के समय मालिक का नाम जानना एक ही कारण से ज़रूरी हो सकता है, और वह है कि ग्राहक जाती या धर्म के आधार पर छुआछूत का पालन करना चाह रहे हैं।
संविधान के अनुछेद 17 के अनुसार छुआछूत मौलिक अधिकार पर हनन है और दंडनीय अपराध है। लेकिन वर्त्तमान सरकार उसको खुले आम बढ़ावा दे रही है। साथ साथ में सिर्फ बीते एक महीने के अंदर जोशीमठ, चम्पावत, मंगलौर और दो बार देहरादून में जातिवादी या नफरती हिंसा और अपराध हुए हैं। लगातार चंद संगठन और व्यक्ति इस प्रकार की घटनाएं करवा रहे हैं लेकिन उनपर कार्यवाही करने के बजाय सरकार उनको संरक्षण दे रही है।
इसका सबसे बड़ा उदहारण है कि 2023 में उत्तरकाशी के पुरोला क्षेत्र में एक हिंसक आपराधिक अभियान चलाया गया जिसकी वजह से अनेक अल्पसंख्यक परिवारों को अपनी सम्पति और व्यवसाय को छोड़ कर भागना पड़ा और राज्य बदनाम हुआ, लेकिन अभी जब कोर्ट द्वारा साबित हो गया कि मूल घटना पूरी तरह से फ़र्ज़ी थी, अभी भी ज़िम्मेदार व्यक्तियों एवं संगठनों पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है। अपना राजनीतिक फायदा के लिए छुआछूत, अपराधों और हिंसा को बढ़ावा देना, यह हमारे संविधान और कानून का राज पर बेहद गंभीर हमला है।
राजीव लोचन साह, उत्तराखंड लोक वाहिनी।
उमा भट्ट एवं बसन्ती पाठक, उत्तराखंड महिला मंच।
डॉ सत्यनारायण सचान, राष्ट्रीय सचिव, समाजवादी पार्टी।
नरेश नौडियाल एवं दिनेश उपाध्याय, उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी।
समर भंडारी, राष्ट्रीय कौंसिल सदस्य, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी।
इंद्रेश मैखुरी, राज्य सचिव, भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मा – ले)।
शंकर गोपाल, विनोद बडोनी, राजेंद्र शाह, चेतना आंदोलन।
भुवन पाठक, अजय जोशी एवं शंकर बर्थवाल, सद्भावना समिति उत्तराखंड।
इस्लाम हुसैन, अध्यक्ष, उत्तराखंड सर्वोदय मंडल।
तरुण जोशी, वन पंचायत संघर्ष मोर्चा।
मुनीश कुमार एवं ललित उप्रेती, समाजवादी लोक मंच।
हीरा जंगपानी, महिला किसान अधिकार मंच।
हेमा जोशी, सामाजिक कार्यकर्ता।
पूरन बर्थवाल, उत्तराखंड इंसानियत मंच।
शिवानी पांडे ,ऑल इंडिया प्रोग्रेसिव विमेंस एसोसिएशन उत्तराखंड।
आनंद सिंह नेगी, उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष , अखिल भारतीय किसान महासभा।
अतुल सती, जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति।
अंकित उछोली, उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष, आइसा।
के के बोरा, उत्तराखंड प्रदेश महामंत्री, AICCTU / ऐक्टू।
भोपाल, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन।
कैलाश जोशी एडवोकेट, संयोजक, नैनीताल पीपुल्स फोरम।
डी एस मेहता, हाईकोर्ट नैनीताल ,आल इंडिया लॉयर्स एसोसिएशन फॉर जस्टिस।
रोहित रुहेला, महासचिव, इंकलाबी मजदूर केंद्र।
जहूर आलम, रंगकर्मी जसम, नैनीताल।
मदन मोहन चमोली, सयोजक, उत्तराखण्ड जन संस्कृति मंच।
मदन मोहन चमोली, सयोजक, उत्तराखण्ड जन संस्कृति मंच।
रजनी, प्रगतिशील महिला एकता केन्द्र।
शेख अब्दुल अज़ीज़, सामाजिक कार्यकर्ता।
एवं राज्य के अन्य राजनीतिक दल व जन संगठन।