देहरादून : प्रेस क्लब देहरादून में आयोजित प्रेस वार्ता में विपक्षी दलों एवं जन संगठनों ने एलान किया कि एक तरफ राज्य सरकार चंद ठेकेदारों और कंपनियों को असंवैधानिक एवं गैर कानूनी रुप से फायदा पहुंचवाने के लिए लगातार विनाशकारी परियोजनाओं घोषित कर रही है और दूसरी तरफ लोगों को गैर कानूनी रुप से बेघर कर रही है, लम्बे समय से चल रहे आंदोलनों को कुचलने की कोशिश कर रही है, और पर्यावरण को नुक्सान भी पहुंचवा रही है। इससे पुरे राज्य के प्रभावित होने के साथ देश भर में जल संकट को भी निमंत्रण दे रही है। उन्होंने ख़ास तौर पर इन बिंदुओं को रखा।
कोर्ट के आदेश के बहाने बार बार लोगों को गैरक़ानूनी तरीकों से बेघर किया जा रहा है जबकि वर्तमान बीजेपी सरकार ने खुद वादा किया था कि मज़दूर बस्तियों में या तो लोगों को हक़ दिया जायेगा या उनका पुनर्वास कराया जायेगा।
आगामी 24 तारीख को फिर राष्ट्रीय हारित प्राधिकरण में सुनवाई होने वाली है और जनता के बीच में आशंका है कि सरकार अपनी जन विरोधी नीतियों को छुपाने के लिए फिर जानबूझकर नकारात्मक आदेश ले कर आएगी। सरकार की ज़िम्मेदारी है कि वह कानून लाए कि किसी को बेघर नहीं किया जाएगा। हर परिवार के लिए किफायती घर हो, यह सरकार का वादा भी था और उनकी जिम्मेदारी भी है।
जो सरकार पर्यावरण के नाम पर लोगों को बेघर कर रही है, वही सरकार खनन माफिया, बड़े बिल्डरों, होटल मालिकों और सरकारी विभागों को नदियों पर अतिक्रमण करने के लिए खुले तौर पर संरक्षण दे रही है।
शहर के दसियों हजारों पेड़ काटे गए हैं जिसकी वजह से बेहद गर्मी हो रही है और मज़दूर और मध्यम वर्ग के लोगों की स्वास्थ पर गंभीर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।
रिस्पना एवं बिंदाल नदियों पर “एलिवेटेड रोड”, डोईवाला में नया टाउनशिप जैसे परियोजनों पर सरकार हज़ारों करोड़ खर्च करने के लिए तैयार है, लेकिन शहर के अंदर सार्वजनिक परिवहन को बढ़ाने में, लोगों को घर देने में और आम जन के हित में शहर प्लानिंग करने में सरकार की कोई रूचि नहीं दिख रही है। ऐसे कदमों से ही यातायात की समस्या एवं जनता की असली समस्याओं पर हल निकल सकता है। उल्टा ऐसे परियोजनाओं से लाखों परिवार बेघर और बेदखल होंगे, किसान विस्तपित होंगे, पर्यावरण को बेहद नुकसान होगा, और भूकंप, बाढ़ और अन्य आपदाओं की खतरा बढ़ जाएगी। सिर्फ चंद ठेकेदारों,कंपनियों एवं कॉरपोरेट घरानों को लाभ मिलेगा।
ताकि निकाय चुनाव से पहले इन मुद्दों पर सरकार जनता को जवाब दे, आगामी दो महीनों में मज़दूर, जन और किसान संगठनों के साथ विपक्षी दल भी इन मुद्दों पर जन जागरूकता अभियान चला कर आंदोलन भी करेंगे।
प्रेस वार्ता को समर भंडारी, राष्ट्रीय कौंसिल सदस्य, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी; शीशपाल सिंह बिष्ट, संयोजक, इंडिया गठबंधन एवं सिविल सोसाइटी, डॉ सत्यनारायण सचान, राष्ट्रीय सचिव, समाजवादी पार्टी, लेखराज जिला महामंत्री सीटू, शंकर गोपाल, चेतना आंदोलन; और हरबीर सिंह कुशवाहा ने संबोधित किया। ऐटक और अन्य संगठनों ने समर्थन किया।