देहरादून : भैरव सेना के दर्जनों कार्यकर्ता कार्यकारी जिला अध्यक्ष गणेश जोशी के नेतृत्व में सभी तीर्थ धामों में पंचगव्य का आचमन की अनिवार्यता तथा तीर्थ सुधार नियमावली 1924 को लागू करने की मांग को लेकर कचहरी परिसर स्थित जिलाधिकारी कार्यालय पर जोरदार नारेबाजी के साथ पहुंचे। जहां पर मांगों पर त्वरित कार्रवाई हेतू सभी तीर्थ धामों के पुरोहितों के हस्ताक्षर समर्थित मांगपत्र को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को जिलाधिकारी देहरादून के माध्यम से प्रेषित किया गया।
भैरव सेना के केंद्रीय अध्यक्ष संदीप खत्री ने कहा कि संगठन द्वारा 27 अप्रैल से 2 मई तक छः दिवसीय पंचम पंचगव्य शुद्धिकरण अभियान यात्रा सफलता पूर्वक संपूर्ण की गई। जिसको लेकर तीर्थ क्षेत्र के समस्त तीर्थ-पुरोहितों तथा हक-हकूकधारीयों का भरपूर समर्थन प्राप्त हुआ। जिसके अंतर्गत पंचगव्य आचमन सभी तीर्थक्षेत्र के प्रवेश द्वारों पर अनिवार्य किए जाने तथा तीर्थ सुधार नियमावली 1924 को लागू किए जाने के मांग पत्र पर चारों धामों के अंतर्गत आने वाले तीर्थ-पुरोहितों के समर्थन हस्ताक्षर प्राप्त हुये।
तीर्थ क्षेत्र के सभी पंडा-पुरोहित तथा हक-हकूकधारी चाहते हैं कि तीर्थाटन तो बड़े परंतु पर्यटन के रूप में नहीं। अतः देवभूमि को देवभूमि ही रहने दिया जाए हनीमून स्थल ना बनाया जाए। तीर्थ यात्रा मोक्ष प्राप्ति के लिए की जाती है परंतु आज कुछ शरारती तत्व यहां पर पिकनिक मनाने के उद्देश्य से आ रहे हैं जिससे कहीं ना कहीं धार्मिक भावनाएं भी आहत हो रही हैं, और ऐसे लोगों के प्रवेश पर नियमानुसार प्रतिबंध लगाना अनिवार्य है।
प्रदेश अध्यक्षा अनिता थापा ने कहा कि संगठन द्वारा विकट परिस्थितियों में भी पंचगव्य शुद्धिकरण अभियान यात्रा प्रतिवर्ष सनातनी मान-बिंदुओं के रक्षण एवं संरक्षण हेतु नियमित रूप से अपने ही संसाधनों से की जा रही है। इसलिए सरकार को चाहिए कि मांगों पर अतिशीघ्र संज्ञान लेकर देवभूमि की पौराणिक सनातन संस्कृति को बचाये जाने के लिये शासनादेश जारी कर मांग को स्वीकार किया जाए।
प्रदेश युवा मोर्चा अध्यक्ष करण शर्मा तथा जिला उपाध्यक्ष काजल चौहान ने सामूहिक रूप से कहा कि सभी धर्मों के अपने-अपने धार्मिक नियम है, जिसके अंतर्गत सभी संप्रदायों के अपने धार्मिक यात्रायें एवम आयोजन होते रहते हैं। जैसे कि मक्का-मदीना में गैर-इस्लामिक तथा वेटिकन सीटी में गैर-ईसाई प्रतिबंधित हैं तो हिंदुओं के विश्व विख्यात तीर्थ स्थलों पर भी धार्मिक घुसपैठ रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाने चाहिए। जिसके लिए पंचगव्य का आचमन अनिवार्य हो जाने को बड़े कारगर कदम के रूप में देखा जा सकता है और संप्रदायिक टकराव की स्थिति भी नहीं बनेगी।
ज्ञापन प्रेषण कार्यक्रम में उपरोक्त वक्ताओं सहित करण शर्मा, अन्नू राजपूत, सौरभ पारछा, सतीश जोशी, हेमंत सकलानी, आशीष, अमन, संजय काचरू, अनिल घनशाला इत्यादि मुख्य रूप से सम्मिलित रहे।