देहरादून : मेरा पेड़- मेरा दोस्त (मेरा वृक्ष-मेरा मित्र) अभियान के तहत जौनपुर सकलाना पट्टी के मरोड़ा गांव में तेजेन्द्र नेगी व दीपा नेगी के पुत्र अरुण नेगी के मुंडन संस्कार पर मित्र व दोस्त बनाते हुए वृक्षमित्र डॉ त्रिलोक चंद्र सोनी के नेतृत्व में मोरपंखी के पौधों का रोपण किया गया। हिंदू धर्म संस्कारो पर आधारित है। शास्त्रों के अनुसार जीवन को उच्च बनाने में संस्कारों का बहुत महत्व है। संस्कार 16 होते हैं जिनमे गर्भाधान, पुंसवन, सीमांतोयंत्रन, जातकर्म, नामकरण, निष्क्रमण, अन्नप्राशन, चूड़ाकर्म (मुण्डन), कर्णवेध, विद्यारम्भ, उपनयन, वेदारम्भ, केशान्त, समावर्तन, विवाह व अंत्येष्टि हैं। मुंडन संस्कार को चूड़ाकर्म संस्कार भी कहते हैं।
वृक्षमित्र डॉ त्रिलोक चंद्र सोनी कहते हैं धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ये संस्कार पुराने जन्मों के कर्ज से मुक्ति पाने, गर्भावस्था की अशुद्धियों को दूर करने और बच्चे को मानसिक व शारीरिक विकास के लिए इनके बाल निकाले जाते हैं उन्होंने कहा मेरा प्रयास रहता हैं हर संस्कारों पर इस धरती में एक एक पौधा लगाऊं वही कार्य मेने आज भी किया। बालक के विषम वर्ष व बालिका के सम वर्ष में चूड़ाकर्म संस्कार पर बाल निकाले जाते हैं। वही ज्ञानसिंह नेगी ने कहा हमारे गांव में गुरु जी द्वारा हर कार्य में शामिल होकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया जाता हैं। पौधारोपण में अनीता देवी, उर्मिला नेगी, रोशनी पंवार, यशपाल नेगी, जितेंद्र नेगी, जुप्पसिंह सेन्द्री, पंकज सिंह, राकेश पंवार, काजल, आयुष नेगी, आर्यन नेगी, विनीता बर्थवाल, कुलदीप चौधरी, नवीन भारती, अनूप थपलियाल आदि उपस्थित थे।