उत्तराखंड : एससी एसटी एम्पलाइज फेडरेशन की प्रांतीय कार्यकारिणी का प्रांतीय अधिवेशन ऑफीसर्स क्लब यमुना कॉलोनी देहरादून में 12 एवं 13 फरवरी को आयोजित किया जा रहा है, जिसमें मुख्यमंत्री व कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य को आमंत्रित किया गया है।
अधिवेशन के लिए कार्मिक विभाग उत्तराखंड शासन की ओर से दो दिन का विशेष आकस्मिक अवकाश भी स्वीकृत किया गया है। आपको बता दें कि पदोन्नति में आरक्षण के आंदोलन को चलते हुए वर्ष 2012 में उत्तराखंड एससी एसटी एम्पलाइज फेडरेशन का गठन किया गया था। इसमें दूसरी कार्यकारिणी 28 व 29 दिसंबर 2014 को बनाई गई थी जिसके प्रदेश अध्यक्ष करमराम घोषित किए गए थे। तब से लेकर वर्ष 2024 तक इसका पुनर्गठन नहीं हो पाया है।
फेडरेशन का प्रथम प्रांतीय अधिवेशन 25 दिसंबर 2016 को आयोजित किया गया था, किंतु इसमें नई कार्यकारिणी का गठन नहीं किया जा सका था। इतने वर्षों बाद अब जाकर प्रांतीय अधिवेशन आयोजित किया जा रहा है। जिसमें अभी तक खुले तौर पर प्रांतीय अध्यक्ष पद पर अपनी दावेदारी शामिल करने में संस्थापक सदस्यों में से एक एवं पूर्व प्रांतीय महामंत्री फेडरेशन व शिक्षक संगठन जितेंद्र सिंह बुटोइया ने ही खुलकर अपनी दावेदारी प्रस्तुत की है।
संगठनों में अपने लंबे अनुभव को लेकर जितेंद्र सिंह बुटोइया उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद के सदस्य भी रहे हैं। उनके द्वारा अनेकों प्रयास शिक्षकों एवं कार्मिकों के हितों में किए जाते रहे हैं। पदोन्नति में आरक्षण के साथ उत्तर प्रदेश में जब रिवर्ट की कार्यवाही हुई, उस समय भी बुटोइया ने फेडरेशन के नेतृत्व में उस कार्यवाही का जमकर विरोध किया था। रोस्टर विवाद के समय भी वे सदैव विरोध करते नजर आते थे।
संवैधानिक व सामाजिक न्याय के लिए वे सदैव समाज में जागरूकता अभियान चलाते रहते है, इस हेतु वह काफी समय से वंचित वर्ग के नेता के रूप में देखे जा रहे है, जौनसार क्षेत्र के शिक्षक नेता रघुवीर सिंह तोमर को जोड़कर अनुसूचित जाति को अनुसूचित जनजाति से जोड़ने में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है, अब यह आगे आने वाला समय ही बताएगा कि वह इसमें किस प्रकार कीर्तिमान स्थापित करते हैं।