देहरादून : कामरेड ज्योति बसु अपने समय के महानतम कम्युनिस्ट पार्टी के नेता के तथा देश की धर्मनिरपेक्षता तथा जनतांत्रिक पध्दति पर विश्वास करने वाले लोकप्रिय नेताओं में से रहे हैं ,वे््कामरेड बसु न केवल देश अपितु विश्व के कदावर नेताओं की श्रेणी में रहे हैं ,ऐसा व्यक्ति कमी मिला करते हैं ,जिनका निर्णय मायने रखता था ।तानाशाही से संघर्ष करते हुऐ उनके नेतृत्व में पश्चिम बंगाल में माकपा की अगुवाई वाली वामपंथी सरकार 1977में बनी जो कि पूरे 34 साल चली जिसका नेतृत्व उन्होंने 23 साल बतौर मुख्यमंत्री रहते हुऐ किया । उम्र एवं स्वास्थ्य कारणों से कमान कामरेड बुध्ददेव भट्टाचार्य जी को सभालनी पड़ी ।कामरेड ज्योति बसु ,कामरेड हरकिशन सिंह सुरजीत देश में पहली धर्मनिरपेक्ष ,जनतांत्रिक सरकार के सूत्रधार थे उनके रहते साम्प्रदायिक ताकतें मुख्याधारा में आ नहीं पाये ।आज भले ही वामपंथी सरकार के बारे कोई कुछ भी आरोप लगाये या टिप्पणी करे किन्तु कामरेड ज्योति बसु तथा बुध्ददेव भट्टाचार्य के नेतृत्व में पश्चिम बंगाल में असंख्य जनहित के कार्य हुऐ जिससे वहाँ की जनता के जीवन स्तर में क्रान्तिकारी बदलाव आया तथा लाखों लाख गरीब परिवारों में निशुल्क भूमि वितरण का कार्य भी सफलता से पश्चिम बंगाल ,त्रिपुरा तथा केरल वाममोर्चा सरकारों ने किया ।वे आजकी सरकारें नहीं कर सकती हैं क्योंकि उनके पास लफ्फाजी के सिवाय जनता के लिए कोई एजेंडा हु नहीं है ।अफसोस है कि वामपंथी सरकार की विदाई के बाद पश्चिम बंगाल तथा त्रिपुरा की जनता काफी कष्टों से गुजर रही जिससे उभरने के लिए वहाँ पार्टी निरन्तर जुझ रही है ,अब तक सैकडो़ पार्टी कार्यकर्ताओं ने शहादतें दी संघर्ष जारी है ।सफलता भी अवश्य मिलेगी क्योंकि हमारे पास एक उद्देश्यपूर्ण लक्ष्य है । 17जनवरी 2010 को कामरेड बसु हम सबको छोडकर चले गये किन्तु उनके योगदान को सदैव कम्युनिस्ट आन्दोलन सहित देश तथा विश्व की शान्ति तथा मुक्तिकामी जनता याद करती रहेगी ।उनकी14 वीं पुण्यतिथि पर सीपीएम की ओर से भावभीनी श्रद्धांजलि तथा लालसलाम ! आप हमेंशा हमेंशा हमारे मनोमतिष्क पर राज करते रहोगे ,हम आपके स्वप्न को साकार करने के लिए संघर्षरत हैं ।
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