उत्तराखंडगढ़वालदेहरादून

एससी-एसटी शिक्षक एसोसिएशन ने मंत्री एवं अधिकारियों से की मुलाकात।

देहरादून : एससी-एसटी शिक्षक एसोसिएशन देहरादून द्वारा जिला मंत्री नरेश टम्टा के नेतृत्व व पूर्व प्रांतीय महामंत्री जितेंद्र सिंह बुटोइया के मार्गदर्शन में उपाध्यक्ष महिला अर्चना सतीश कोषाध्यक्ष सुमित लाल एवं सदस्य सुभाष टम्टा के प्रतिनिधिमंडल ने मंत्री एवं विभागीय अधिकारियों से की वार्ता।

कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य से उनके आवास पर शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए मुलाकात की गई जिसमें छात्रवृत्ति आवेदन में आ रही जटिल समस्याओं की ओर भी उनका ध्यान आकृष्ट किया गया उन्हें यह अवगत कराया गया कि वर्तमान में शीतकालीन अवकाश चल रहे हैं और तिथि को केवल 15 जनवरी तक ही बढ़ाया गया है जिस पर उन्होंने कहा है कि मुझे लिखित में प्रार्थना पत्र प्रेषित कर दीजिएगा। मैं मुख्यमंत्रीी के समय समक्ष इस बात को रखूंगी और अधिक समय के लिए तिथि को बढाए जाने का आग्रह करूंगी।

माध्यमिक शिक्षा निदेशक महावीर सिंह बिष्ट से भी शिष्टाचार भेंट की गई। उनके द्वारा पूर्व में चलाए गए “नशा मुक्त उत्तराखंड – संस्कार युक्त उत्तराखंड” के अभियान की संगठन द्वारा सराहना की गई और इस अभियान को राज्य स्तर पर चलने का सुझाव भी दिया गया।

एकेडमिक एवं शोध प्रशिक्षण उत्तराखंड की निदेशक वंदना गरबयाल से भी शिष्टाचार भेंट वार्ता की गई। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि हमें अपने संगठन को और अधिक मजबूत करने की आवश्यकता है। हमें नेतृत्व करते हुए आगे बढ़ना होगा। हम अपने मूल संगठन में सदस्य अवश्य बने ऐसा उनका सुझाव रहा है।

माध्यमिक शिक्षा निदेशालय में मुख्य प्रशासनिक अधिकारी आर आर सोलियाल को भी बुके भेंट कर उनके पदोन्नति होने पर उनको शुभकामनाएं प्रेषित की गई। इस अवसर पर उन्होंने आस्वस्त किया कि किसी भी समस्या के निराकरण के लिए वे निदेशालय में सदैव तत्पर रहेंगे।

प्रारंभिक शिक्षा निदेशक एवं संयुक्त शिक्षा निदेशक आज अवकाश पर थे।

आज मुख्य शिक्षा अधिकारी देहरादून के अवकाश पर होने के कारण उनके कार्यालय में मुख्य प्रशासनिक अधिकारी शिवलाल गौतम से भी भेंट वार्ता कर शुभकामनाएं प्रेषित की गई।

आज सभी कार्यालयों में अधिकारियों/ समाज के प्रतिनिधियों से नई जिला कार्यकारिणी का परिचय कराने के पश्चात बहुत ही संतुष्टि एवं सुकून की अनुभूति हुई। ऐसा लगा कि सेकंड लाइन तैयार हो गई है। यदि हम उन्हें नेतृत्व का अवसर प्रदान करेंगे तभी जाकर हम अपने महापुरुषों द्वारा चलाए गए मिशन को पूरा कर पाएंगे।

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