देहरादून : कारपोरेटपरस्त मोदी सरकार को बदलने के सनकप के साथ मजदूर किसान का देहरादून महापड़ाव का समापन, राष्ट्रपति एवं राज्यपाल को ज्ञापन भेजा आज महापड़ाव के कारपोरेट परस्त नीतियों के खिलाफ मजदूरों ,किसानों का तीन दिवसीय महापड़ाव का दिन दिन ,बड़ी संख्या में मजदूरों, किसान , स्कीम वर्कर ने हिस्सा लिया । तथा विभिन्न मांगों सहित सिलक्यारा टनल फंसे मजदूरों को निकालने व स्किम वर्कर्स में आशा वर्कर्स , आंगनबाड़ी , भोजन माताओ , परिवहन निगम में लेखा परीक्षा की रिपोर्ट में आर्थिक भ्र्ष्टाचार पर उच्च स्तरीय जांच करने ,नगर निगम में कार्यरत कम्पनियों के श्रमिको को कम्पनियों द्वारा निकलने को लेकर महामहिम राष्ट्रपति, राज्यपाल व मुख्यमंत्री को अलग -अलग ज्ञापन , प्रशासन के माध्यम से भेजे गए ।
केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों तथा संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय आह्वान पर आज 28 नवंबर 023 से राजधानी देहरादून के दीनदयाल पार्क में तीन दिवसीय महापड़ाव का तीसरा व अंतिम दिन का
इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा करोना काल मे आपदा को अवसर में बदलते हुए मजदूरों के 44 श्रम कानूनों में से 29 प्रभाशाली कानूनों के स्थान पर चार श्रम संहितायें बनाई गई जोकि कारपोरेट परस्त व मालिको के पक्ष में बनाई गई है जिससे मजदूरों को गुलाम बनाने की प्रक्रिया शुरु हो गयी है जिसमे कारखानों सहित सरकारी संस्थानों में मजदूरों को निकालना तो आम बात हो गयी है जिससे मजदूरों के बीच भय का माहौल बनाया जा रहा है ताकि उनका शोषण किया जा सके और सरकार देशी विदेशी कम्पनियों को आकर्षित करने हेतु सस्ता मजदूर उपलब्ध कराकर मजदूरों के श्रम कानूनों को समाप्त कर रही है ।
वक्ताओं ने कहा कि आज किसान जिसे अन्नदाता कहा जाता है उसकी जमीन हड़पने व बड़े पूंजीपतियों को देने के तीन कृषि कानूनों को लेकर आयी थी जिसे किसानों व मजदूरों ने मिलकर ऐतिहासिक आंदोलन कर मोदी सरकार को घुटने टेकने पर मजबूर किया किन्तु सरकार द्वारा बिजली बिल(इलेक्ट्रिसिटी बिल 2022 )को लाना चाहती है जिससे न केवल बिजली विभाग का निजीकरण होगा बल्कि यह बिल बिजली कर्मचारियों के साथ -साथ आम जनता से खुली लूट की छूट देता है जिसका विरोध किसन और मजदूर कर रहे है ।
इस अवसर पर मुख्य ज्ञापन में निम्न मांगे प्रमुख रूप से थी ।
(1) चार श्रम कोड वापस लेने ,ठेका प्रथा बन्द करने ,असंगठित क्षेत्र में सामाजिक सुरक्षा की गारन्टी ।
(2) खाध सुरक्षा की गारन्टी ,पेट्रोलियम पदार्थों ,रसोई गैस मूल्यबृध्दि वापस लेने।
(3) सार्वजनिक वितरण प्रणाली मजबूत करने तथा इसका दायरा बढा़ने ।
(4) गन्ने का मूल्य 500 रूपये प्रति क्विंटल करने ।
(5) जंगली जानवरों से फसलों एवं जानमाल की सुरक्षा के साथ मुआवजे की गारन्टी ।
(6)प्रस्तावित बिजली बिल वापस लेने तथा बिजली प्री पेड स्मार्ट मीटर वापस लें ।
(7)काम के अधिकार कौ मौलिक अधिकार घोषित करने ।
(8) किसानों की कर्ज माफी घोषित करना ।
(9)संविधान के बुनियादी ढा़चे पर हमला बन्द करो ।
(10)कारपोरेटपरस्त बीमा योजना समाप्त करते हुऐ,फसलों के लिये सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा योजना स्थापित करो ।
(11)वनाधिकार अधिनियम कढा़ई लागू किया जाऐ ।
(12) राष्ट्रीय न्यूनतम वेतन 26 हजार लागू हो ।
(13) सभी आवासहीनों कौ आवास दिया जाऐ ।
(14)नियमित रूप से श्रम सम्मेलन हो ।
(15) सभी के लिये मुफ्त शिक्षा ,स्वास्थ ,पेयजल, स्वच्छता का अधिकार हौ ,नई शिक्षा नीति वापस लौ ।
(16) उपनल , संविदा व ठेका कर्मियों को माननीय हाई कोर्ट व माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार समान काम का समान वेतन , भत्ते , सुविधाएं दी जाए व वर्षो से कार्यरत इन श्रमिकों नियमित किया जाए।
(17) गढ़वाल मंडल विकास निगम , को पी.पी.पी.मोड़ में देने पर रोक लगे ।
(18) उत्तराखंड में केंद्रीय संस्थानों में कार्यरत संविदा/ठेका मजदूरों का शोषण पर रोक लगाई जाए इनके निकालने पर रोक लगाई जाए ।
आदि मांगों को लेकर तीन दिवसीय महापड़ाव किया जा रहा है जिसमे तीनो दिन बड़ी संख्या में मजदूर किसान हिस्सेदारी कर रहे हैं ।
आज पड़ाव की अध्यक्षता इंटक के प्रदेश अध्यक्ष हीरा सिंह बिष्ट, सीटू के प्रांतीय अध्यक्ष से राजेन्द्र सिंह नेगी , एटक के प्रांतीय उपाध्यक्ष समर भंडारी , ऐक्टू के महामन्त्री के.के.बोरा किसान सभा के प्रांतीय अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह सजवाण बल्ली सिंह चीमा ने की इस अवसर पर महेन्द्र जखमोला सीटू के प्रांतीय सचिव लेखरज , इ्न्टक के अध्यक्ष अनिल कुमार , एटक के महामन्त्रि अशोक शर्मा , उपाध्यक्ष ,किसान सभा गंगाधर नौटियाल किसान महासभा के अध्यक्ष बीर सिंह नेगी आदि ने विचार व्यक्त किये ।
इस अवसर पर शिवप्रसाद देवली पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष, सुनीता चौहान आशा अध्यक्ष , चित्रा ,महामन्त्रि, कर्मचारी नेता समदर्शी बडर्थ्वाल ,एस एस नेगी ,अनिल कुमार , एस.एफ.आई के प्रांतीय अध्यक्ष नितिनमहिला समिति उपाध्यक्ष इंदु नौडियाल , महामन्त्री दमयंती नेगी , मलेठा ,प्रवीण ,जगदीश कुड़ियाल ,किशन गुनियाल ,जी डि डंगवाल , ,जगदीश मेहन्दिरता,एस एस रजवार,किसान नेता माला गुरूंग ,लालद्दिन,नितिन,जागिरसिंह ,जगतारसिंह ,अवतारसिंहभगवान सिंह राणा ,, राजेन्द्र पुरोहित, बिक्रमसिंह पुण्डिर ,भगवन्त पयाल ,रविंद्र नौडियाल ,हरिओम पालि ,रामसिंह भण्डारी , जयकृत कण्डवाल ,हरजिंदर सिंह ,बलबीर सिंह ,मनमोहन सिंह ,सुरेन्द्र रावत ,चिन्तामणि थपलियाल , मामचन्द ,नुरैशा, अनन्त आकाश ,अतुल ,याकुब अलि ,जाहिद अन्जुम,कुलदिप ,आर पि जौशि ,मोनिका, आदि प्रमुख थे ।समापन किसान सभा प्रदेश अध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह सजवाण ने किया।