देहरादून : नैशनल एसोसिएशन फॉर पैरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरिफ खान ने एक बार फिर से इंसानियत की मिसाल कायम की है । बता दें कि वर्ष 2018 मे उन्होंने अपना रोजा तोड़कर एक हिन्दू युवक की जान बचाकर इंसानियत की मिसाल कायम की थी ।
आरिफ खान के अनुसार आर्थिक,मानसिक और शारिरिक तौर पर 63 वर्षीय एक हिन्दू व्रद्ध सज्जन जो की एक सभ्य और धनाढ्य परिवार के सदस्य हैं बुढ़ापे मे बिल्कुल अकेले हैं उनकी देखभाल करने वाला कोई नही है काफी समय से हर्निया से पीड़ित थे और एक तो बेरोजगारी,बुढापा और हर्निया के चलते ज्यादा बोझ न उठाने मे असमर्थ और ज्यादा पढ़ा लिखा न होने से कहीं काम न कर पाने के चलते पैसे के अभाव मे ऑपरेशन कराने मे असमर्थ थे, जब मुझसे NAPSR BOOK BANK आकर अपनी पीड़ा बताई तो मैने अपने स्तर से इनको इनका ऑपरेशन कराने का आश्वासन दिया और ये भी कहा कि आपके एक रुपये भी खर्च नही होंगे ।
दिनांक 09/10/2023 को मैने उन सज्जन को कुछ पैसे देकर सुभारती हॉस्पिटल भेज दिया जहां पर समाज सेविका आशा रावत ने खुद वहां मौजूद न होते हुए भी अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह करते हुए उनके सभी चेकअप कराए और उनको सुभारती हॉस्पिटल मे एडमिट करवा दिया । जहां उनके सभी इलाज और ऑपरेशन निःशुल्क होना था किन्तु दवाइयों के पैसे देने थे और सब दिन से उन सज्जन को दवाइयां देकर उनका BP नॉर्मल किया जा रहा था इसी बीच पता लगा कि उनकी सर्जरी के दौरान उनको ह्रदयरोग समस्या भी हो सकती हैं इसके लिए उनके ह्रदय सम्बन्धी टेस्ट भी दून मेडिकल कॉलेज मे करवाये गए जहां पर छोटी सी दुनिया के संस्थापक समाज सेवी विजयराज मददगार साबित हुए सब कुछ नॉर्मल आने के बाद भी उनका BP नॉर्मल करने मे समय लग गया और फाइनली 21/10/2023 को उनके हर्निया का ऑपरेशन कर दिया गया है । अब वो एक स्वस्थ जीवन जी सकते हैं ।
दवाइयों और ऑपरेशन सामग्री मे खर्च उम्मीद से थोड़ा ज्यादा हो गया मगर अच्छी बात रही कि NAPSR एक बार फिर से किसी की उम्मीदों पर खरी उतरी है और अपने “प्रोजेक्ट मुस्कान” को सार्थक किया है वो भी बिना किसी आर्थिक अपील और मदद के ।आरिफ खान ने यह भी बताया कि बुजुर्ग के ठीक होने के पश्चात अब उनके रहने खाने और और व्रद्धा पेंशन की व्यवस्था की जा रही है ।