देश-विदेश

लीडर्स घोषणापत्र को जी20 के सदस्य देशों ने दी मंजूरी।

भारत : जी20 समिट की शुरुआत आज से हो गई है. दो दिनों तक चलने वाली इस समिट के पहले दिन शनिवार को भारत को उस समय बड़ी कामयाबी मिली जब नई दिल्ली लीडर्स घोषणापत्र को जी20 के सदस्य देशों ने मंजूरी दे दी, इस घोषणा पत्र में आतंकवाद से लेकर परमाणु हमले की धमकी, महंगाई से लड़ने की अपील के साथ-साथ विकासशील देशों को आगे बढ़ाने की बात कही गई है.

घोषणापत्र में किसी भी रूप में आतंकवाद को स्वीकार्य नहीं बताया गया है. साथ में आतंकी ग्रुपों को पनाह देने वालों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने की बात कही गई है. इसके साथ-साथ सभी देशों को यूएन चार्टर के मुताबिक काम करने की अपील की गई है और कहा गया है कि आज का युग युद्ध का का नहीं है. दुनियाभर में शांति के लिए सभी धर्मों की प्रतिबद्धता को स्वीकार करने की बात कही गई है.

नई दिल्ली लीडर्स घोषणापत्र में यूक्रेन युद्ध का भी जिक्र किया गया है. पूरे घोषणापत्र में पांच बार यूक्रेन का नाम लिया गया है. जबकि, 9 बार आतंकवाद शब्द का इस्तेमाल किया गया है. इसके साथ-साथ यह भी कहा गया है कि किसी भी देश की अखंडता के प्रति हमला न हो और इसे स्वीकार्य नहीं किया जाए.

जी20 में नई दिल्ली लीडर्स घोषणापत्र की अहम बातें-

घोषणापत्र में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल या धमकी को अस्वीकार्य बताया गया है. यूएनएससी और यूएनजीए में अपनाए गए देश के रुख और प्रस्तावों को दोहराया गया है.

घोषणापत्र में कहा गया है कि हम सभी देशों से अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धातों को बनाए रखने और क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता को बनाए रखने का आह्वान करते हैं.

घोषणापत्र में आतंकवाद को अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बताया गया है. इसके साथ-साथ इसका मुकाबला करने और किसी भी रूपों में इसकी निंदा की गई है.

जी20 घोषणापत्र मजबूत सतत समावेशी विकास पर केंद्रित है. इसमें हरित मार्ग की परिकल्पना की गई है. जी20 की अध्यक्षता का संदेश एक पृथ्वी है, एक कुटुम्ब है और एक भविष्य बताया गया है.

घोषणापत्र में लैंगिक अंतर को कम करने के साथ-साथ फैसले लेने वालों के रूप में अर्थव्यवस्था में महिलाओं की पूर्ण और समान भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्धता दर्शाइ गई है.

घोषणापत्र में यूक्रेन युद्ध का भी जिक्र किया गया है और कहा गया है कि इससे दुनियाभर में महंगाई बढ़ी है. यूक्रेन युद्ध का पूरी दुनिया पर नकारात्मक प्रभाव का भी उल्लेख किया गया है.

विवादित मुद्दों का शांतिपूर्ण समाधान करने की अपील की गई है. आतंकी समूहों को पनाह देने वालों के खिलाफ कठोर कदम उठाने की बात कही गई है.

इसके अलावा एफएटीएफ के बढ़ते संसाधन आवश्यकताओं के समर्थन को लेकर प्रतिबद्धता जताई गई है. विवादों का कूटनीति और संवाद के जरिए शांतिपूर्ण समाधान निकालने की अपील की गई है.

जी20 समिट के दौरान तीन एफ-फूड, फ्यूल और फर्टिलाइजर के मुद्दे विशेष चिंता की श्रेणी में शामिल थे. जी20 सदस्य देशों ने कारोबार की सुगमता को बढ़ावा देने का संकल्प लिया.

जी20 देशों से कहा गया है कि हमारे पास बेहतर भविष्य बनाने का अवसर है. ऐसी स्थिति नहीं बननी चाहिए कि किसी भी देश को गरीबी से लड़ने और प्लेनेट के लिए लड़ने के बीच चयन करना पड़ा.

पीएम मोदी ने शिखर सम्मेलन के दूसरे सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि नई दिल्ली जी20 लीडर्स समिट डिक्लेरेशन पर आम सहमति बन गई है. पीएम ने कहा कि यह मेरा प्रस्ताव है कि इसे 20 के घोषणापत्र के रूप में अपनाया जाए. बता दें कि सम्मेलन के पहले दिन जी20 को अफ्रीकन यूनियन के रूप में एक नया स्थाई सदस्य भी मिल गया है. खुद पीएम मोदी ने इसका ऐलान किया।

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