आसाराम को बड़ी राहत, गुजरात HC ने अस्थायी जमानत की मियाद एक माह बढ़ाई।

अहमदाबाद : गुजरात हाई कोर्ट ने गुरुवार को आसाराम की अस्थायी जमानत अवधि को एक महीने के लिए और बढ़ा दिया. हालांकि कोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया कि यह ‘अंतिम विस्तार’ होगा.आसाराम (86) को साल 2013 में रेप के मामले में उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी और इस समय उसे मेडिकल आधार पर जमानत मिली है. जस्टिस इलेश वोरा और जस्टिस पीएम रावल की खंडपीठ ने आसाराम की अस्थाई जमानत एक महीने के लिए और बढ़ा दी. कोर्ट ने सबसे पहले 28 मार्च को जमानत दी थी और इसके बाद 30 जून को अवधि समाप्त होने से पूर्व इसमें सात जुलाई तक अंतरिम विस्तार दिया था।
हाईकोर्ट में गुरुवार को सुनवाई के दौरान आसाराम के वकील ने जमानत की अवधि को तीन महीने और बढ़ाने का अनुरोध किया. लेकिन कोर्ट ने कहा कि वह जमानत की समय अवधि को सिर्फ एक माह के लिए बढ़ाएगा और यह विस्तार अंतिम होगा।
बता दें कि आसाराम ने हाईकोर्ट का दरवाजा तब खटखटाया था, जब मेडिकल आधार पर उसे 31 मार्च तक सुप्रीम कोर्टद्वारा दी गई अंतरिम जमानत समाप्त होने वाली थी. सुप्रीम कोर्ट ने उसे निर्देश दिया था कि यदि किसी विस्तार की जरूरत हो तो वह इसकी गुहार लगा सकता है।
हाईकोर्ट की पीठ ने तब विभाजित फैसला सुनाया था, जिसके बाद मामला जिस तीसरे न्यायाधीश के पास भेजा गया था. वहीं तीसरे न्यायाधीश ने आसाराम को तीन महीने की अस्थायी जमानत दे दी थी।
गांधीनगर की एक कोर्ट ने जनवरी 2023 में आसाराम को रेप के एक मामले में दोषी ठहराते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई थी. आसाराम 2013 में राजस्थान में अपने आश्रम में एक नाबालिग लड़की से रेप के एक अन्य मामले में भी उम्र कैद की सजा काट रहा है।
आसाराम को आईपीसी की धारा 376(2)(C) (रेप), 377 (अप्राकृतिक अपराध), 342 (गैरकानूनी हिरासत), 354 (महिला की लज्जा भंग करना), 357 (हमला) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत दोषी ठहराया गया था. इतना ही नहीं आसाराम पहले से ही राजस्थान के जोधपुर जेल में एक नाबालिग लड़की के साथ 2013 में रेप के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे है।