
हरिद्वार : कांवड़ मेला 2025 में की सुरक्षा को लेकर पुलिस-प्रशासन चौकन्ना हो गया है. पहलगाम आतंकी हमले के बाद जिसे तरह सुरक्षा व्यवस्था को टाइट किया गया था ठीक उसी तरह शासन की तरफ से तमाम सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट कर दिया गया है. सुरक्षा में किसी भी तरह की कोई चूक न रहे, इसके लिए हरिद्वार कांवड़ मेले में विशेष इंतजाम किए गए हैं. उत्तराखंड डीजीपी दीपम सेठ खुद तमाम सुरक्षा व्यवस्थाओं की समीक्षा कर रहे है।
हरिद्वार कांवड़ मेले में इस बार पहली बार से ज्यादा भीड़ आने की उम्मीद है. सरकार की उम्मीदों के अनुसार इस बार सात करोड़ से ज्यादा भक्त कांवड़ मेले में पहुंच सकते हैं. इसीलिए कांवड़ मेले की तैयारियां भी उसी हिसाब की जा रही हैं. उत्तराखंड के डीजीपी दीपम सेठ ने बताया कि पहलगांव आतंकी हमले के बाद कांवड़ मेले की सुरक्षा के लिए सभी एजेंसियों को अलर्ट किया गया है. इसके साथ ही पुलिस मुख्यालय से तमाम व्यवस्थाएं की जा रही हैं. इसके साथ ही भारत सरकार से सीपीएमएफ (केंद्रीय अर्धसैनिक बलों) की 20 कंपनियां मांगी गई है।
वहीं मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने कहा कि कांवड़ मेले को सकुशल सम्पन्न कराने के लिए सभी कोशिशें की जा रही हैं. हरिद्वार में हुई इंटरस्टेट बैठक में उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा और पंजाब के अधिकारी शामिल हुए थे. इस दौरान सभी राज्यों के अधिकारियों के साथ पहलगाम आतंकी हमले पर चर्चा हुई थी।
पहले भी आतंकियों के निशाने पर रहे हरिद्वार के बड़े कार्यक्रम।
साल 2007 में यूपी एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) ने हूजी के चार आतंकवादियों को गिरफ्तार किया था, जो कांवड़ मेले के दौरान बम विस्फोट की योजना बना रहे थे।
साल 2017 में यूपी एसटीएफ ने आईएसआईएस आतंकी अबू जैद को गिरफ्तार किया. अबू जैद का प्लान भी हरिद्वार में पवित्र और भीड़भाड़ वाले स्थानों पर आईईडी लगाने का था।
साल 2016 में दिल्ली और हरिद्वार पुलिस की संयुक्त अभियान में भी चार लोगों को पकड़ा गया था, जिन्हें आईएसआईएस कनेक्शन सामने आया था।
बीते 10 सालों की बड़ी घटनाएं
साल 2015 में रोड़ीबेलवाला पार्किंग रामपुर गांव में अत्यधिक गर्मी के कारण बाइक में विस्फोट हो गया था, जिससे इलाके में सांप्रदायिक तनाव हो गया था।
साल 2017 में पन्तद्वीप पार्किंग हरिद्वार में आईटीबीपी कांस्टेबल ने अपनी सर्विस राइफल से एक कांवड़िये की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
साल 2018 में हरिद्वार के बहादराबाद थाना क्षेत्र में ट्रक में बच्चे को कुचल दिया था, जिससे गुस्साई भीड़ ने ट्रक में आग लगा दी थी।
साल 2018 में भगवानपुर में भी बड़ा विवाद हो गया था. विवाद का कारण बाइकों में साईलेंशर न होने की वजह से शोर होना था।
साल 2022 में रूड़की कांवड़ियों के बीच मारपीट हुई थी, जिसमें एक कांवड़िए की मौत हो गई थी,साल 2022 में ही रोड़ीबेलवाला पार्किंग में अत्यधिक गर्मी के कारण खड़ी बाइकों में आग लग गई थी।
साल 2023 में मेरठ कांवड़ की ऊचाई अधिक होने के कारण बिजली के तार की चपेट में आने से 6 कांवड़ियों की मृत्यु हो गई थी, साल 2024 हरिद्वार में विभिन्न स्थानों पर अत्यधिक गर्मी के कारण बाइकों में आग लगने की घटनाएं प्रकाश में आयी थी।