देहरादून : राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रूपऊ कालसी देहरादून में विद्यालय की जूनियर स्तर की बालिकाओं की चित्रकला प्रतियोगिता आयोजित की गई। जिसमें भारत रत्न डॉ बी आर अंबेडकर जी के चित्र को सीमित साधन एवं सीमित समय में बालिकाओं द्वारा पूरा किया गया। यह चित्र उन्होंने बिना किसी की सहायता से बनाया उनके योगदान को स्मरण करते हुए विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक डॉ जितेंद्र सिंह बुटोइया ने कहा कि उन्होंने विश्व में पुस्तकों के महत्व को बताया। जो छात्र-छात्राएं अध्ययन काल में पुस्तकों में झुके रहते हैं आगे के जीवन में उन्हें झुकने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। “शिक्षा शेरनी का दूध है जो पियेगा वह दहाड़ेगा” इसको चरितार्थ करते हुए बहुत सारे विद्यार्थी विश्व में नए-नए कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं। भारत के पहले कानून कानून मंत्री के रूप में उन्होंने बहुत ही सुंदर उदाहरण प्रस्तुत किए हैं। भारत का संविधान आज विश्व का सबसे अच्छा संविधान माना जाता है। भारत का संविधान में जो व्यवस्थाएं दी गई है उसी के कारण भारत की महान जनता को विभिन्न अवसर प्राप्त होते रहते हैं।
प्रतियोगिता में प्रथम वित्तीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वालों में अनन्या रावत पियल रावत एवं साक्षी के साथ ही राशी वर्मा रहे। इस अवसर पर विद्यालय के वरिष्ठ शिक्षक खुशीराम डोबरियाल शिक्षिका मीनाक्षी तिवारी एवं राजकीय प्राथमिक विद्यालय रूपऊ के प्रधानाध्यापक सलकराम जोशी सहित सभी छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।