देहरादून : आज भैरव सेना संगठन के जिला कार्यकारिणी के कोर सदस्यों की बैठक उज्जवल रेस्टोरेंट में जिलाध्यक्ष अमरजीत सिंह की अध्यक्षता में आहूत की गई। जिसमें की कई गंभीर विषयों पर चिंतन तथा रोकथाम पर रूपरेखा तैयार की गई, जिनको धरातल पर उतारने के लिये संयोजक नियुक्त किये गये।
बैठक में उपस्थित भैरव सेना के केंद्रीय अध्यक्ष संदीप खत्री ने आक्रोशित होकर कहा के संगठन द्वारा कई बार नगर निगम प्रशासन को बहुसंख्या में पत्र देकर आग्रह किया कि नगर निगम क्षेत्र में अवैध रूप से चल रही मांस की दुकानों को प्रतिबंधित करने की प्रक्रिया अपनाई जाए। क्योंकि इन दुकानों में नियमों को ताक पर रखकर व्यापार किया जा रहा है। नगर निगम क्षेत्र में बिना स्लॉटर हाउस के मांस काटना प्रतिबंधित है फिर भी समस्त दुकानों में मुर्गे {बॉयलर चिकन} को बिना चिकित्सीय परीक्षण के काटकर लोगों को खाने के लिए बाध्य किया जा रहा है। साथ ही अधिकतर दुकानों में हलाल का मांस काटकर हिंदुओं को खिलाया जा रहा है जिसके लिये प्रत्येक मांस की दुकानों पर हलाल एवम झटका मांस मिलता है अंकित किये जाने की भी प्रक्रिया अपनाई जाय।
शासन के स्लॉटर हाउस के बिना मांस काटने के प्रतिबंध के बावजूद भी हरियाणा एवं अन्य राज्यों से बॉयलर मुर्गों की गाड़ियां राज्य में प्रवेश कर रही हैं। जब यहां मांस करना प्रतिबंधित है तो फिर यह गाड़ियां किसकी सह पर राज्य की सीमाओं में प्रवेश कर रही है। नगर निगम प्रशासन राज्य सरकार के नियमों की ही ठेंगा दिखा रही है।
बैठक में उपस्थित गढ़वाल संभाग अध्यक्ष गणेश जोशी ने कहा कि देवभूमि की अस्मिता को तार-तार कर कुछ लोग धर्म की आड़ में उत्तराखंड की सनातन संस्कृति को बदनाम कर चुनौती देकर देव डोली प्रथा के माध्यम से व्यवसाय कर रहे हैं, जो की सनातन धर्म में निषेध है। ऋषिकेश देहरादून में कुकुरमुत्तों की तरह पनपे देवडोली उपासक, खुलेआम जनता को बेवकूफ बनाकर लूट रहे हैं। परंतु शासन यहां पर भी मौन है देवभूमि के नाम से विश्व प्रसिद्ध उत्तराखंड राज्य अपनी सनातनी संस्कृति के लिए विश्व भर में पहचान बनाए हुए हैं। जिसको की कुछ कथित देवडोली उपासक अपने व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए उपहास का केंद्र बना रहे हैं। जिसको लेकर भैरव सेना संगठन द्वारा अब कड़ी आपत्ति के पश्चात विरोधाभास की कार्रवाई खुले मंच पर की जाएगी। जिसमें की देवडोली उपासकों से आमने-सामने की टक्कर लेने से भी पीछे नहीं हटा जाएगा। देवडोली प्रथा का कड़ा विरोध कर रहे ज्योति कंडवाल और उपेंद्र पंत ने देवडोली उपासकों को चुनौती देकर सार्वजनिक मंच पर दिव्य शक्तियों को अवतरित करने के लिए उपासकों को आमंत्रित किया।
भैरव सेना संगठन की प्रदेश अध्यक्षा काजल चौहान ने अवगत कराया की श्री बद्रीनाथ क्षेत्र में माणा गांव के भीम पुल पर स्थित मां सरस्वती के मंदिर के गर्भगृह में महाराष्ट्र के पूंजीपति मृतकों की मूर्ति को लेकर विरोध को अब राज्य स्तरीय बनाकर धन्ना सेठ विश्वनाथ कराड तथा मृतक मूर्ति प्रकरण में सहयोग करने वालों का असली चेहरा समाज के सामने लाने के लिए चमोली जनपद के गोचर नगर से बृहद रूप में शुरुआत की जाएगी।
बठक में मांस विरोध के लिए संजीव टांक को संयोजक, देवडोली प्रथा पर कार्यवाही के लिए गणेश जोशी को संयोजक तथा माणा गांव के सरस्वती मंदिर में मृतकों की मूर्ति को हटाने के लिए सरोज शाह को संयोजक नियुक्त किया गया। बैठक में उपरोक्त वक्ताओं के साथ राज्य आंदोलनकरी मनोज ध्यानी, ज्योति प्रसाद कंडवाल, आचार्य उपेंद्र पंत, कथावाचक अनिल कृष्णा, आचार्य दीपक सेमवाल, राजकुमार, सुनीता थापा, गीता बिष्ट, अन्नू राजपूत, संजय पंवार, चतुरानंद मलेथा सहित दर्जनभर भैरव सेना संगठन के सदस्य उपस्थित रहे।