देहरादून : मंगलवार को भैरव सेना संगठन से जुड़े दर्जनों कार्यकर्ता संगठन के गढ़वाल संभाग अध्यक्ष गणेश जोशी के नेतृत्व में सर्वे चौक स्थित रोजगार चौराहे पर एकत्रित हुए, जहां से देवभूमि के तीर्थाटन को पर्यटन में परिवर्तित करने का आरोप लगाते हुये संगठन के सदस्य जोरदार नारेबाजी करते हुए गढ़वाल कमिश्नर कार्यालय पहूंचे और मांगो को लेकर गढ़वाल अपर आयुक्त नरेंद्र सिंह को त्वरित कार्रवाई हेतू मांगपत्र प्रेषित किया।
भैरव सेना के केंद्रीय अध्यक्ष संदीप खत्री ने आक्रोशित होकर कहा कि देवभूमि के विश्व विख्यात धार्मिक तीर्थ स्थलों को दुर्गम से सुगम बनाने के चलते मूल स्वरूप से छेड़छाड़ के साथ ही तीर्थ धामों को पर्यटन स्थल में परिवर्तित किया जा रहा है। जिस कारण अवैध धार्मिक घुसपैठ के साथ ही सनातनी मान बिन्दुओं का दोहण हो भी रहा है। इन सभी मांगों को लेकर संगठन के प्रतिनिधि जून माह में धर्मस्व एवम पर्यटन कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज से मिले थे। जिस पर कैबिनेट मंत्री ने अतिशीघ्र कारवाई का आश्वासन दिया था परन्तु पांच माह बितने पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।
प्रदेश अध्यक्षा काजल चौहान ने कहा कि मांग पत्र के माध्यम से कैबिनेट मंत्री को अवगत कराया गया था कि मान्यताओं के अनुसार चारधाम की यात्रा देवी माँ धारी देवी में बोटिंग शुरू की गई है जो कि आस्था के साथ खिलवाड़ है। श्रद्धालुगण अब यात्रा करने नहीं बल्कि नवयुवक-युवतियां आपत्तिजनक स्थिति में वहां बोटिंग करने पहुंच रहे हैं। संजीव टांक ने कहा की केदारनाथ धाम की यात्रा में हक-हकूकधारियों के शोषण के साथ ही यात्रा हेतू थार गाड़ी तथा मानकों के विरूद्ध हेली सेवा का संचालन करने से यात्रा के मूल स्वरूप की अनदेखी हो रही है।
प्रदेश प्रभारी सरोज शाह ने कहा की धर्मस्व को लेकर शासन को दिये ज्ञापनों पर संज्ञान लेने के बावजूद वर्षों तक कार्यवाही नहीं होती। राज्य आंदोलनकारी मनोज ध्यानी ने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि के मंदिरों के साथ छेड़छाड़ हद करके उनको मानव मंदिर बनाया जा रहा है ताजा उदाहरण श्री बद्रीनाथ धाम क्षेत्र के अंतर्गत माना गांव स्थित सरस्वती मंदिर का है जहां पर की महाराष्ट्र के धन्ना सेठ द्वारा सरस्वती मंदिर के गर्भगृह में अपने मृतक परिवार जनों की मूर्तियां स्थापित करवाई गई। अखिलेश डोबरियाल ने कहा कि धार्मिक भ्रष्टाचार के विरोध में बीकेटीसी तथा अन्य सम्बंधित विभागों के कर्मचारियों के खिलाफ दी गई सत्यापित सूचना संज्ञान लेने के बावजूद भी आगे नहीं बढ़ पा रही है। जिसको लेकर धर्मस्व विभाग के अधिकारियों पर भी संदेह होता है।
उल्लिखित ज्ञापन परेशान कार्यक्रम में विनोद डंडरियाल, मुरार कंडारी, अर्जुन कुमार, सरस्वती देवी, केशव सिंह, अमरजीत सिंह, सागर वर्मा, विजय खड़का, सुभाष सहित दर्जनभर से अधिक सदस्य उपस्थित रहे।