उत्तराखंड : राज्य में लगातार सत्ता से दूर बैठी कांग्रेस उत्तराखंड को लेकर कितनी गंभीर है, इस पर राजपुर रोड देहरादून के कांग्रेस दफ्तर में इन दोनों जबरदस्त काना फूसी चल रही है, तीन लोकसभा और दो विधानसभा चुनाव में लगातार हार के बावजूद कांग्रेसी आपस में ऐसे लड़ मर रहे हैं जैसे मंत्रिमंडल का गठन हो रहा हो और मलाईदार विभागों को लेकर खींचातानी मची हो ।
उत्तराखंड में कांग्रेस प्रभारी कुमारी शैलजा जिन्होंने हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को दिन रात पानी पिलाये रखा उत्तराखंड में भी खूब चर्चाओं में है।
विगत दिनों करण माहरा द्वारा संगठन स्तर पर कुछ नियुक्तियां की गई नियुक्त हुए बेचारे नेताओं ने मिठाइयां बांटी फूल मालाएं पहनी कुछ जगहों पर मुर्गा पार्टी भी करवाई फिर कार्यभार भी संभाल लिया इसके बाद शैलजा के आदेश पर करण महारा द्वारा की गई नियुक्तियां रद्द कर दी गई ।
किसी प्रदेश अध्यक्ष के लिए इससे ज्यादा असहज वाली स्थिति कोई और नहीं हो सकती कि उनकी नियुक्तियां को ऐसे रद्द कर दिया जैसे ऋतु खंडूरी ने गोविंद सिंह कुंजवाल और प्रेम चंद अग्रवाल के विधानसभा में बैकडोर से लगाए लोगों को हटा दिया था।
इस बीच बद्रीनाथ और मंगलौर उपचुनाव जीतने के बाद उत्साह से लवरेज शैलजा ने करण माहरा द्वारा की गई नियुक्तियों को रद्द करने के बाद केदारनाथ उपचुनाव के लिए करण महारा को आदेश दिया कि उपचुनाव के लिए बद्रीनाथ के लकी चार्म नए ताजे एकदम फ्रेश विधायक लखपत सिंह बुटोला और जन्मजात मंत्री पूर्व कैबिनेट मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी को तैयारी के लिए प्रभारी बनाया जाए । शैलजा के आदेश के एक महीने बाद भी करण माहरा ने कुमारी शैलजा कि उसे आदेश को ठंडे बस्ते में डाला हुआ है कोई कह रहा डस्ट बिन में डाल दिया. कांग्रेस दफ्तर के बाहर बीड़ी बुझाते हुए एक कर्मठ कार्यकर्ता ने बताया कि अब बहुत हुआ ठैरा हमारे अध्यक्ष जी उस हरियाणा वाली की सुनने वाले नही ।
देखना है कि केदारनाथ उपचुनाव की घोषणा होते-होते कुमारी शैलजा और करण माहरा उपचुनाव के लिए और कितना जोर लगाते हैं ।
बहरहाल भाजपा सरकार के पांच मंत्री केदारनाथ में जिस तेजी के साथ लगे हुए हैं उससे लगता है केदारनाथ वालों के अच्छे दिन आने वाले हैं वोट पता नही किसको देंगे।