देहरादून : उत्तराखंड राज्य आंदोलन के प्रणेता व पहाड़ के गांधी स्वo इंद्रमणि बड़ोनी की 25वीं पुण्यतिथि पर दल की ओर से भावभीनी श्रद्धांजलि दी गयी। प्रातः घंटाघर स्थित बड़ोनी की मूर्ति पर दल के केन्द्रीय अध्यक्ष पूरण सिंह कठैत के नेतृत्व में दल के कार्यकर्ताओं के साथ माला पहना कर व पुष्प भेंट कर जननायक को याद किया।
तत्पश्चात पार्टी कार्यालय 10 कचहरी रोड़ में उनको श्रद्धांजलि देते हुए याद किया गया। इस अवसर पर स्वo बड़ोनी को याद करते हुए कठैत ने कहा हैं कि स्वo बड़ोनी सरल, सहज़ स्वभाव के रहे। उनके व्यक्तित्व का आकर्षण इतना प्रभावशाली था कि विरोधी भी उनके अपने हो जाते थे। सन 1967 में टिहरी जनपद के देव प्रयाग विधानसभा से विधायक चुने गये। सन 1969 में दोबारा कांग्रेस से विधायक चुने गये तथा 1977 में पुनः निर्दलीय विधायक देवप्रयाग से चुने गये। उत्तर प्रदेश की विधानसभा में जन मुद्दों को लेकर हमेशा सजग रहे। उनके उठाये गये मुद्दे केवल देवप्रयाग विधानसभा ही नहीं बल्कि उत्तराखंड के अन्य विधानसभा क्षेत्रों के जन मुद्दों भी थे।
नशा नहीं- रोजगार दो, वन अधिनियम के कारण विकास योजनाए जो ठप पड गयी थी, बड़ोनी के नेतृत्व में विकास कार्य में बाधक जंगल में पेड़ो को काटा गया साथ ही जितने पेड़ काटे गये उनके दस गुणा पेड़ भी लगाये गये। राज्य संघर्ष आंदोलन को गाँधीवादि नीतियों के तहत अहिंसक आंदोलन जो 1994 में जन आंदोलन का वृहत रूप धारण किया। इसीलिए उनको पहाड़ का गाँधी कहा गया। सन 1999 में 18 अगस्त को कालजयी पुरुष संसार से विदा हुए। उनके मुंह से आखिरी शब्द उत्तराखंड निकला।
श्रद्धांजलि सभा में सुनील कोटनाला, विजय बौडाई, प्रताप कुंवर, अतुल जैन, अशोक नेगी, पंकज व्यास, विपिन रावत, बिजेंद्र रावत, डीडी पंत, बृजमोहन सजवाण, राजेंद्र बिष्ट, हेमंत नेगी, श्याम रमोला, सीपी जोशी, अरविंद बिष्ट, भोला चमोली, विजेंद्र रावत, केंद्रपाल तोपवाल, महिपाल पुंडीर, मोहन सिंह रावत, सीबी जोशी, दिनेश रावत, भूपेंद्र चौहान, आशुतोष जगूड़ी, आरपी उनियाल, गजपाल नेगी, नत्थी लाल भट्ट आदि उपस्थित थे।