उत्तराखंडदेहरादून

पीड़ित दलितों परिवारों को सुरक्षा प्रदान करने तथा दोषियों को गिरफ्तार करने की मांग।

देहरादून : मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने आज सुभाई जोशीमठ के दलित उत्पीड़न के दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग को लेकर पुलिस मुख्यालय में अपर डीजीपी कानून व्यवस्था ए.पी.अंशुमन से मिला तथा ज्ञापन दिया । इस अवसर पर माकपा के राज्य सचिव राजेन्द्र सिंह नेगी , सुरेंद्र सिंह सजवाण , लेखराज, मनमोहन रौतेला प्रतिनधिमण्डल में शामिल थे ।

इस अवसर पर प्रतिनिधि मंडल ने अपर डीजीपी कानून व्यवस्था ए.पी.अंशुमन से को ज्ञापन सौंपा ।ज्ञापन में पार्टी ने कहा गत 12 जुलाई 024 को सुभई पंचायत के कुछ दंबगों द्वारा दलित समाज के कुछ परिवारों को गांव से बेदखल करना उन पर आर्थिक दण्ड लगाना तथा उन्हें सार्वजनिक रूप से प्रताड़ित करना तथा जान से मारने कि धमकी देना हमारे संविधान में प्रदत नागरिकों के मूलभूत अधिकारों पर सीधे तौर पर हमला है तथा राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था कि ओर इंगित करता है ।

अपने ज्ञापन में पार्टी ने कहा कि,दशकों पहले कफिल्टा दलितों कि सामुहिक नरसंहार के दोषियों माननिय सर्वोच्च न्यायालय ने दण्डित किया है। प्रतिनिधि मंडल ने बताया कि हमारे राज्य में इस प्रकार की दर्जनों घटनाऐं हो चुकी हैं, पिछले बर्ष पुरोला में अल्पसंख्यक समुदाय को हिन्दु वादी मानसिकता के लोगों ने पुरोला छोड़ने के लिऐ मजबूर कर दिया था‌ ,वनफूलापुरा ,हल्दानि की घटनाओं ने जिससे हमारे राज्य उत्तराखण्ड की देशभर छवि धूमिल किया है हमारे राज्य में एक के बाद एक घटनाओं का होना दर्शाता है कि कहीं न कहीं इन असामाजिक तत्वों को सत्ता का संरक्षण प्राप्त है ।

ज्ञापन में पार्टी ने कहा है कि ,हाल ही में नवादा देहरादून में धर्मान्तरण कि आढ़ में ईसाई परिवार के घर में घुसकर संघ परिवार से जुड़े असमाजिक तत्वों द्वारा तोड़फोड़ तथा पुलिस द्वारा इन तत्वों को गिरफ्तारी न करना पुलिस प्रशासन पर कही न कही सत्ता का दबाव दर्शाता है । कुछ दिन पहले हरिद्वार में दलित महिला के साथ दंबगों द्वारा सामूहिक बलात्कार की घटना के बाद हत्या में लिप्त लोगों की गिरफ्तारी न होना भी निन्दनिय है ।

ज्ञापन में पार्टी जोशीमठ की घटना के दोषियों को दण्डित करने के लिए उनकी गिरफ्तारी जरूरी है ताकि राज्य में इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति न हो और पार्टी आपसे मांग करती है कि पीड़ित परिवारों को समुचित न्याय दिया जाये तथा उनकी जानमाल की सुरक्षा के साथ ही क्षेत्र में शान्ति व्यवस्था स्थापित की जाए।

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