उत्तराखंडदेहरादून

नियम के विरुद्ध चल रहे प्रि-प्राइमरी और प्ले ग्रुप स्कूलों पर कार्रवाई की मांग।

देहरादून : नियम विरुद्ध व बिना मानकों गली मोहल्लों में बिना मानकों के घर-घर मे खुलने वाले दड़बे नुमा प्रि-प्राइमरी और प्ले ग्रुप स्कूलों मे मासूमों के जीवन और बचपन से होने वाले खिलवाड़ के सम्बंध मे नेशनल एसोसिएशन फॉर पेरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स (NAPSR के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरिफ खान ने मुख्य सचिव व शिक्षा महानिदेशक को पत्र भेज कर ऐसे स्कूलों पर कार्यवाई की मांग करी है । आरिफ खान के अनुसार उत्तराखंड एक शिक्षा हब के रूप मे जाना जाता है और आजकल काफी समय से देखने मे आया है कि प्ले ग्रुप और प्रि-प्राइमरी के नाम पर गली मोहल्लों मे सिंगल और डबल स्टोरी मकानों मे मानकों एवं नियमों के विरुद्ध स्कूल खोले जा रहे हैं जिनमे न प्ले ग्राउंड होता है और न ही बच्चों के लिए धूप और उचित सांस लेने की व्यवस्था होती है । और ऊपर वाला न करे यदि किसी स्कूल मे आगजनी या भूकम्प जैसी कोई दैवीय आपदा आती है तो इतने छोटे बच्चे न तो तेजी से भागकर अपनी जान बचा सकते हैं और न ही ऊपर से कूदकर । जैसा को गुजरात के कोचिंग सेंटर मे हुआ था । जबकि नियम ये कहता है कि छोटे बच्चों को प्रथम तल पर रख जाना चाहिए ताकि किसी प्रकार की दुर्घटना बच्चों के साथ न घटे किन्तु लोभ से लाभ के लालच मे ऐसे स्कूल धड़ल्ले से खुल रहे हैं और चल रहे हैं जिनमे पैसे के लालच मे डेढ़ साल तक के मासूम बच्चों को भर्ती कर लिया जाता है । जबकि नई शिक्षा नीति के अनुसार 04 वर्ष के बच्चे ही नर्सरी मे एडमिशन ले सकते हैं और उत्तराखंड सरकार द्वारा प्ले स्कूल मे तीन साल के बच्चे ही एडमिशन ले सकते हैं । ऐसे मे गली मोहल्लों मे खुलने वाले ये स्कूल न सिर्फ बच्चों से उनका बचपन चीन रहे हैं बल्कि उनके जीवन से भी खिलवाड़ कर रहे हैं । ऐसे में भविष्य में किसी भी स्कूल मे किसी भी बच्चे के साथ होने वाली किसी बड़ी दुर्घटना को जंत अंदाज नही किया जा सकता अतः सरकार को स्वयं संज्ञान लेना चाहिए था किंतु एनएपीएसर ने इसका संज्ञान लेते हुए नियम विरुद्ध व बिना मानकों के चलने एवं खुलने वाले ऐसे स्कूलों पर तुरंत अंकुश लगाया जाना चाहिए और इनके विरुद्ध नियमानुसार कानूनी प्रक्रिया अमल मे लायी जानी चाहिए ताकि भविष्य मे किसी भी प्रकार की होने वाली अप्रिय घटना से बचा जा सके और बच्चों के बचपन व जीवन से खिलवाड़ बन्द हो सके ।

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