देहरादून। सनातन धर्म में करवा चौथ का व्रत विशेष महत्व है। यह व्रत विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना के लिए रखती हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार यह व्रत हर वर्ष कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। चलिये जानते है कि इस वर्ष करवा चौथ कब है, इसका शुभ मुहूर्त क्या है और पूजा विधि क्या है।
कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 19 अक्टूबर की शाम 6ः16 बजे शुरू होगी और 20 अक्टूबर को दोपहर 3ः46 बजे समाप्त होगी। उदया तिथि के अनुसार इस वर्ष करवा चौथ का व्रत 19 अक्टूबर को रखा जाएगा। पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5ः45 से 7ः07 तक रहेगा, जबकि व्रत का समय सुबह 6ः34 से शाम 7ः22 तक होगा।
व्रत के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने के बाद नए वस्त्र धारण कर ईश्वर का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लेना चाहिए। घर के मंदिर की दीवार पर गेरू से फलक बनाकर करवा का चित्र बनाना चाहिए। शाम की पूजा के दौरान इस फलक को चौकी पर रखकर उस पर लाल कपड़ा बिछाना चाहिए और माता पार्वती व भगवान शंकर की तस्वीर स्थापित करनी चाहिए।
पूजा की थाली में दीप, धूप, सिंदूर, अक्षत, कुमकुम, रोली और मिठाई शामिल करनी चाहिए। माता पार्वती को 16 श्रृंगार सामग्री अर्पित करें और विधिपूर्वक भगवान शंकर व माता पार्वती की पूजा करें। रात में चंद्रमा के दर्शन के बाद छलनी से चंद्रमा को देखकर पूजा करें और फिर अर्घ्य अर्पित कर व्रत का पारण करें।