उत्तराखंडदेहरादून

नगर निगम की मनमानी के खिलाफ़ व्यापारियों का प्रदर्शन।

देहरादून। नगर निगम द्वारा हाउस टैक्स एवं कमर्शियल टैक्स पर धड़ल्ले से ब्याज वसूली की जा रही हैं। जिसको लेकर आज दून वैली महानगर उद्योग व्यापार मंडल ने सहायक नगर आयुक्तबको मिलकर ज्ञापन सौंपा।

अध्यक्ष पंकज मेसोन ने कहा कि, नगर निगम द्वारा हाउस टैक्स एवं कमर्शियल टैक्स पर जो ब्याज वसूला जा रहा है उसका समस्त व्यापारी वर्ग विरोध करता हैं। निगम द्वारा टैक्स पर ब्याज वसूला जाना गैरकानूनी, नाजायज, व्यापारी वर्ग व हाउस- होल्डरों का भरपूर शोषण है।

महामंत्री पंकज दिढांन के कहा कि, निगम को इस निति को निरस्त कर टैक्स की दर को कम करते हुए वसूले गए ब्याज को वापस किया जाना चाहिए। क्योंकि आज भी व्यापारी अपने व्यापार को लेकर बहुत चिंतित है, उसका सारा व्यापार ऑनलाइन कंपनियों द्वारा बड़े-बड़े मॉल खुलने के कारण बाजारों में बिक्री अत्यंत ही कम हो गई है।

संरक्षक अशोक वर्मा ने कहा कि, बड़ी मुश्किल से व्यापारी अपना व अपने परिवार का भरण पोषण कर रहा है। उस पर नगर निगम के अलावा विभिन्न करो की मार के बोझ तले व्यापारी दबा हुआ है। एक व्यापारी की चिंता करने वाला उसके परिवार के सिवा कोई नहीं है। अगर वसूला गया टैक्स एवं ब्याज वापस नहीं किया गया तो मजबूर होकर व्यापारियों को अपने को इस टैक्स की मार से बचाने के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खट-खटाना पड़ेगा।

व्यापारियों ने कहा हमें आशा करते है कि, व्यापारियों की मजबूरी को समझते हुए निगम द्वारा जल्द ही कोई फैसला व्यापारी हित में लिया जाएगा।

01 दिसंबर 2023 की बोर्ड बैठक में हुआ था फैसला

बता दें कि, दिनांक- 01/12/2023 की बोर्ड बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि 2016 के बाद स्वयं कर निर्धारण निति के तहत उपभोक्ताओं को हाउस टैक्स एवं कमर्शियल टैक्स पर किसी प्रकार का कोई ब्याज अब उपभोक्ताओं को नहीं देना होगा, परंतु इसके पश्चात भी नगर निगम द्वारा भारी भरकम ब्याज की रकम उपभोक्ताओं से वसूली जा रही हैं। जो की उचित नहीं हैं।

व्यापारियों ने किया अनुरोध

व्यापारियों ने सहायक नगर आयुक्त से अनुरोध किया कि, नगर निगम बोर्ड द्वारा पारित दिनांकः 01/12/2023 को ब्याज माफी का जो आदेश पारित किया गया था, उसके बाद भी जो ब्याज निगम द्वारा उपभोक्ताओं से पूर्व में भी लिया गया है। उन्हें भी वापस किया जाए और आगे से कोई भी ब्याज व्यापारियों से ना वसूला जाए।

व्यापारियों ने सहायक नगर आयुक्त को बताया कि, स्वयं कर निर्धारण निति 2016 के अंतर्गत कुछ चुनिंदा व्यापारियों द्वारा ही अपनी संपत्ति का मूल्यांकन कराया गया था, उसके पश्चात सन् 2019 से 2022 तक कोरोना काल के दौरान अनेकों व्यापारियों का व्यापार ठंडे बस्ते में चला गया।

नगर निगम द्वारा 2016 से 2022 तक इस निति के अंतर्गत कोई भी मांग नहीं की गई और ना ही किसी भी समाचार पत्रों के माध्यम से कोई सूचना ही दी गई। फिर अचानक 2023 में नगर निगम की एक टीम ने बाजारों एवं घरों में सर्वे कराकर व्यापारियों व हाउस होल्डरो पर नाजायज दबाव बनाया, जिसका दून वैली महानगर उ‌द्योग व्यापार मंडल द्वारा भरपूर विरोध किया गया था और उत्तराखंड सरकार से बार-बार मांग की गई थी कि, स्वयं कर निर्धारण निति 2016 को तुरंत निरस्त किया जाये।

बावजूद इसके सरकार ने व्यापारियों की पीड़ा को नहीं समझा। साथ ही स्वयं निति के अंतर्गत जिन व्यापारियों ने आवेदन किया उनको मूलधन से भी अधिक ब्याज की रकम चुकानी पड़ी। व्यापारियों ने इसका भरपूर विरोध किया एवं सरकार से मागं की। जिसका संज्ञान लेते हुए सरकार ने नगर निगम बोर्ड की बैठक में ब्याज माफी का आदेश पारित किया। लेकिन अफसोस इस बात का हैं कि, नगर निगम द्वारा आज भी मूलधन पर 8-8 वर्षों का ब्याज वसूला जा रहा है।

इस मौके पर मुख्य संरक्षक अशोक वर्मा, अध्यक्ष पंकज मैसोंन, संरक्षक सुशील अग्रवाल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष शेखर फुलारा, उपाध्यक्ष हरीश वीरमानी, महामंत्री पंकज डिढ़ान, युवा महामंत्री दिव्य सेठी, युवा सह सचिव रजत गुप्ता, तपोवन संयोजक भुवन पाहलीवाल, संयोजक सुमित कोहली, संयोजक अशोक अग्रवाल, सह संयोजक जसपाल छाबरा, संयोजक केवल कुमार, प्रदेश मीडिया प्रभारी पंकज कपूर, धार्मिक कार्यक्रम संयोजक ललित शर्मा, उपाध्यक्ष राम कपूर, संयोजक त्रिवेश खुराना, संयोजक पवन जेलवाल, देहरादून मीडिया प्रभारी प्रकाश सिंह सदस्य अवनीश व कई व्यापारी मौजूद रहे।

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