देहरादून : अभिनव कुमार, पुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड द्वारा प्रदेश में अपराधों की प्रभावी रोकथाम एवं सुदृढ़ पुलिसिंग के तहत आम नागरिकों के मध्य सुरक्षा का माहौल स्थापित करने के लिये गश्त (फुट पैट्रोलिंग) प्रभावी रूप से की जाय, जिससे जन सामान्य में सुरक्षा के प्रति विश्वास की भावना उत्पन्न हो सके।* साथ ही समस्त जनपद प्रभारियों को क़ानून एवं शांति व्यवस्था के सबंध में निम्नवत् आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए गए –
1-प्रायः रात्रि के समय आपराधिक तत्वों की सक्रियता बढ़ जाती है और चोरी, लूट, डकैती तथा महिलाओं के साथ दुव्र्यवहार की घटनाएं भी कराया जाये।
5- सभी जनपद प्रभारी यह सुनिश्चित करेंगे कि जनपद के शहर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में रात्रि गश्त व चैकिंग हेतु प्रत्येक दिन रोस्टरवार एक क्षेत्राधिकारी की ड्यूटी लगायी जाय। अपर पुलिस अधीक्षक इस गश्त चैकिंग का भ्रमणशील रहकर पर्यवेक्षण करेंगे।
6- सभी जनपद प्रभारी रात्रि एक बजे तक स्वयं भ्रमणशील रहकर रात्रि गश्त पार्टियों की रेन्डम चैकिंग सुनिश्चित करेंगे। रात्रि गश्त में अनुपस्थित, शिथिल एवं लापरवाह पाये जाने वाले पुलिस कर्मियों को सचेत किया जाय तथा इसकी पुनरावृत्ति होने पर उनके विरूद्ध नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्यवाही भी की जाय।
7- राजपत्रित पुलिस अधिकारी/थानाध्यक्षों द्वारा से अधिक पुलिस बल
9- स्कूल एवं कॉलेज, विभिन्न शिक्षण संस्थानों एवं औद्योगिक क्षेत्र के आस-पास खुलने व बन्द होने के समय प्रभावी पैदल गश्त करते हुए संदिग्ध व्यक्तियों (मनचले, पान की दुकानों के पास खड़े तथा संदिग्ध गाड़ियों में बैठे व्यक्तियों आदि) की अवश्य चैकिंग की जाय।
10- पैदल गश्त के दौरान समस्त अधिकारियों/पुलिस कर्मियों द्वारा यथासम्भव जनता से सम्पर्क कर उनमें सुरक्षा की भावना पैदा करने एवं पुलिस को महत्वपूर्ण सूचनाएं एवं सहयोग देने हेतु अवश्य प्रेरित किया जाय।
M11- पैदल गश्त के दौरान पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारीगण जनसंवाद के साथ-साथ क्षेत्र के सम्भ्रान्त व्यक्तियों से मोबाईल नम्बरों का आदान-प्रदान करेंगे एवं थाना व कार्यालयों पर इसका पृथक से अभिलेखीकरण भी किया जाय।
12- फुट पैट्रोलिंग के दौरान पुलिस अधिकारी/कर्मी द्वारा जनता के व्यक्तियों के साथ शालीनता एवं शिष्टाचार का व्यवहार किया जाय।
13- आवश्यकतानुसार मैदानी क्षेत्र के जनपदों में उपलब्ध घुड़सवार पुलिस का भी प्रयोग किया ।