नई दिल्ली : चीन में कोरोना महामारी के बाद एक नई बीमारी ने दस्तक दे दी है। इस बीमारी का बच्चों पर ज्यादा असर पड़ रहा है। इस बीमारी की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वहां की सरकार ने कई स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय भी इसे लेकर अलर्ट हो गया है।
सांस संबंधी बीमारियों के खिलाफ तैयारियों की होगी समीक्षा
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को बीमारी से निपटने के लिए अस्पतालों की तैयारी उपायों की तुरंत समीक्षा करने की सलाह दी है। उसने कहा कि सभी राज्यों को कोरोना महामारी के समय दिए गए दिशानिर्देशों का पालन करना चाहिए। भारत सरकार के प्रेस सूचना ब्यूरो ने इस संबंध में विस्तृत जानकारी जारी की है।
स्वास्य मंत्रालय ने कहा कि सभी राज्य और केंद्रशासित प्रदेश ‘कोविड-19 के संदर्भ में संशोधित निगरानी रणनीति के लिए परिचालन दिशानिर्देश’ लागू करेंगे। मंत्रालय ने कहा कि जिला और राज्य सर्विलांस द्वारा ILI/SARI के रुझानों की बारीकी से निगरानी की जाएगी। आमतौर पर सांस संबंधी बीमारी में इजाफा इन्फ्लूएंजा, माइकोप्लाज्मा निमोनिया, SARS-CoV-2 जैसे सामान्य कारणों से होती है।
स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा स्वास्थ्य मंत्रालय
स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों से कहा है कि वह स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा है। किसी को भी डरने की जरूरत नहीं है।
गौरतलब है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक जानकारी साझा की है, जिसमें बताया गया है कि चीन के उत्तरी भागों में सांस संबधी बीमारी में इजाफा हुआ है। इसके पीछे मुख्य रूप से इन्फ्लूएंजा, माइक्रो प्लाज्मा निमोनिया और सार्स कोविड-2 को जिम्मेदार ठहराया गया है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, सर्दी में माइकोप्लाज्मा, निमोनिया जैसी श्वसन संबंधी बीमारियों के प्रसार के साथ-साथ कोविड-19 प्रतिबंधों को हटाया जाना भी इसमें वृद्धि का कारण है हालांकि, घबराने की बात नहीं है।