देहरादून : केन्द्रीय मजदूर यूनियनों, फैडरशनों, एसोशियशनों तथा संयुक्त किसान मोर्चा राष्ट्रीय आह्वान पर 26,27,28 नवंबर 023 को राजधानी देहरादून के दीनदयाल पार्क में तीन दिवसीय महापड़ाव का आयोजन करने जा रही है । इस पडा़व में तीन तक राज्यभर के किसान ,मजदूर शामिल होंगे ।
मुख्यत: 2014 से निरन्तर केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा लगातार किसान तथा मजदूरों व आमजन के खिलाफ जनविरोधी कानून बनाये जा रहे हैं ,जिसके खिलाफ निरन्तर आन्दोलन चल रहा है।
जीवन के हरेक क्षेत्र उधोग ,कृषि ,शिक्षा ,स्वास्थ ,रोजगार ,सार्वजनिक प्रतिष्ठान पर एक के बाद हमले ने वर्षों से हमारे मूलभूत ढा़चें की बुनियादी परिवर्तन कर कारपोरेट के लिये रास्ता खोल दिया है।
हमारे राज्य में अनियोजित विकास के चलते सड़क,बिधुत परियोजनाओं तथा भीमकाय योजनाओं ने हमारे राज्य की पर्यावरणीय तथा जलवायु को भारी क्षति पहुंचाने का कार्य किया है ,जिसके चलते 2013 केदारनाथ त्रासदी ,2020 जोशीमठ के पास टनल में 200 मजदूर जिन्दा दफन हुऐ और अब पिछले 13 दिनों से सिल्कयारा टनल ढहने से 41 मजदूर अपने जीवन बचाने के लिए जुझ रहे हैं ।
इसी प्रकार राज्य में गरीबों खासकर अल्पसंख्यक समुदाय पर अतिक्रमण के नाम पर बेदखल करना आम बात है ,स्मार्ट सिटी एवं लोकलुभावन नीतियां अन्तत: कारपोरेट घरानों की सेवाओं के नाम पर ,प्रस्तावित सरकार का इन्वेस्टर समिट अन्तत: कारपोरेट तथा अन्तर्राष्ट्रीय पूंजी घरानों को मदद पहुंचायेगा ,इनके द्वारा लाई गयी योजनाऐं अन्तत: राज्य के लिऐ भयावह साबित होगीं ,क्योंकि ये इन्वेस्टर अपनी शर्तों पर पूंजी लगायेंगे ,पिछले कुछ सालों से बाहरी कम्पनियों के चलते स्थानीय प्रशासन एवं स्थानीय निकाय एवं पंचायतें अधिकारविहिन हुई हैं ,क्योंकि ऐ कम्पनियां शीधेतौर पर पीएमओ तथा राष्ट्रीय राजमार्ग मन्त्रालय से संचालित होती आयी हैं ,इसलिये कार्य स्थल पर निरन्तर नियम कानूनों की अनदेखी आम बात है ,जिसकी कीमत राज्य की जनता कौ चुकानी पड़ रही है । हाल ही के दिनों रेलवे प्रॉजेक्ट के चलते हमने ऐतिहासिक एवं हराभरा क्षेत्र मलेथा गांव कंक्रीट में बदल दिया है ,कहने को तो हम ऊर्जा प्रदेश हैं , किन्तु हमारी जनता भारी बलिदान देने के बावजूद बिजली दरों भारी कीमत देने के लिए विवश हैं। हमारे राज्य का देश की सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान रहा है ,हरेक घर में सेना में जाने की परम्परा रही ,किन्तु सेना का भी नीजिकरण कर स्थाई रोजगार छीनने का कार्य करना निन्दनीय है ।
प्रमुख मुद्दे
(1) चार श्रम कोड वापस लेने ,ठेका प्रथा बन्द करने ,असंगठित क्षेत्र में सामाजिक सुरक्षा की गारन्टी ।
(2) खाध सुरक्षा की गारन्टी ,पेट्रोलियम पदार्थों ,रसोई गैस मूल्यबृध्दि वापस लेने।
(3) सार्वजनिक वितरण प्रणाली मजबूत करने तथा इसका दायरा बढा़ने ।
(4) गन्ने का मूल्य 500 रूपये प्रति क्विंटल करने ।
(5) जंगली जानवरों से फसलों एवं जानमाल की सुरक्षा के साथ मुआवजे की गारन्टी ।
(6)प्रस्तावित बिजली बिल वापस लेने तथा बिजली प्री पेड स्मार्ट मीटर वापस लें ।
(7)काम के अधिकार कौ मौलिक अधिकार घोषित करने ।
(8) किसानों की कर्ज माफी घोषित करना ।
(9)संविधान के बुनियादी ढा़चे पर हमला बन्द करो ।
(10)कारपोरेटपरस्त बीमा योजना समाप्त करते हुऐ,फसलों के लिये सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा योजना स्थापित करो ।
(11)वनाधिकार अधिनियम कढा़ई लागू किया जाऐ ।
(12) राष्ट्रीय न्यूनतम वेतन 26 हजार लागू हो ।
(13) सभी आवासहीनों कौ आवास दिया जाऐ ।
(14)नियमित रूप से श्रम सम्मेलन हो ।
(15) सभी के लिये मुफ्त शिक्षा ,स्वास्थ ,पेयजल, स्वच्छता का अधिकार हौ ,नई शिक्षा नीति वापस लौ ।