6 महीने बाद संजय सिंह जेल से ‘आजाद’, क्यों हुई थी गिरफ्तारी।

नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. संजय को दिल्ली के कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में जमानत मिल गई है. वे पिछले 6 महीने से तिहाड़ जेल में बंद थे. ईडी ने भी कहा कि उन्हें पर जमानत पर रिहा कर दिया जाए. हमें कोई आपत्ति नहीं है. उसके बाद जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने फैसला सुनाया।
यूपी के एक छोटे से जिले सुल्तानपुर में जन्मे और इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले संजय सिंह का जन्म 22 मार्च 1972 को हुआ था. पिता का नाम दिनेश सिंह और मां राधिका सिंह हैं. सुल्तानपुर में शुरुआती पढ़ाई-लिखाई के बाद उन्होंने 1993 में माइनिंग इंजीनियरिंग की. ओडिशा के स्कूल आफ माइनिंग इंजीनियरिंग से डिप्लोमा लेने के बाद धनबाद में नौकरी शुरुआत की. कुछ समय बाद ही नौकरी छोड़ दी. उन्होंने सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में काम करना शुरू कर दिया।
समाजसेवा में कब आए संजय सिंहः शुरुआत में बिना किसी राजनीतिक पार्टी के सदस्य बने संजय सिंह ने राजनीति गतिविधियों में सक्रियता दिखाई. संजय सिंह ने 1994 में ‘सुल्तानपुर समाज सेवा संगठन’ के नाम से एक संगठन बनाया. उन्होंने इस संगठन के तहत गरीबों की भलाई के लिए काम करना शुरू कर दिया. राजनीति में आने से पहले संजय सिंह सोशलिस्ट पार्टी के रघु ठाकुर के साथ भी जुड़े और उनके आंदोलन का हिस्सा बने. रघु ठाकुर लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं, फिलहाल वह पार्टी के संरक्षक है।
राजनीति में संजय सिंह की एंट्रीः 2011 में दिल्ली में हुए अन्ना आंदोलन से जुड़ने के बाद संजय सिंह की प्रसिद्धी बढ़ी. दिल्ली के रामलीला मैदान में अन्ना हजारे,अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और अन्य लोगों के अनशन के दौरान संजय सिंह ने सक्रिय भूमिका निभाई. 26 नवंबर 2012 को जब केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी का गठन किया गया तो संजय सिंह भी इसके संस्थापक सदस्य बने. जब आम आदमी पार्टी ने पहला विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला लिया तब संजय सिंह ने चुनाव लड़ने की कोई इच्छा नहीं जताई।
संजय सिंह 8 जनवरी, 2018 को राज्यसभा सदस्य चुने गए. इसके अलावा वे बिहार और यूपी में भी पार्टी के प्रभारी नियुक्त किए जा चुके हैं. 2013 में दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 28 सीटें जीती और साल 2015 में जब दिल्ली विधानसभा के चुनाव हुए तब आम आदमी पार्टी को प्रचंड बहुमत मिली. हाल ही में आम आदमी पार्टी ने राज्यसभा का कार्यकाल खत्म होने के बाद दूसरी बार संजय सिंह को फिर से राज्यसभा भेजा है. पिछले सप्ताह ही उन्होंने जेल से जाकर राज्यसभा सांसद के रूप में शपथ ग्रहण की थी।
क्यों हुई संजय सिंह की गिरफ्तारी।
ईडी की चार्जशीट के मुताबिक दिल्ली शराब घोटाले में एक आरोपी है दिनेश अरोड़ा, जो बाद में सरकारी गवाह बन गया।
आरोपी दिनेश अरोड़ा के बयान के मुताबिक आरोप है कि संजय सिंह के कहने पर उसने दिल्ली के चुनावों से पहले आम आदमी पार्टी के लिए फंड जुटाने वाला एक कार्यक्रम आयोजित किया था।
ईडी के मुताबिक आरोपी दिनेश अरोड़ा ने संजय सिंह के कहने पर पार्टी के लिए 32 लाख का चंदा इकट्ठा किया था, जिसका चेक मनीष सिसोदियो को सौंपा।
ईडी का आरोप है कि दिनेश अरोड़ा का शराब से जुड़ा एक विवाद संजय सिंह ने मनीष सिसोदिया के जरिए सुलझाया था।
ईडी के मुताबिक आरोप है कि दिनेश अरोड़ा ने संजय सिंह के जरिए अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया से मुलाकात की।
ईडी का आरोप है कि जब आरोपी से सरकारी गवाह बने दिनेश अरोड़ा ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की, तब संजय सिंह भी मौजूद थे।
जमानत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहाः ईडी से पूछा कि क्या उसे आबकारी नीति घोटाले में ‘आप’ नेता संजय सिंह की और हिरासत की आवश्यकता है? जबकि इस मामले में उनसे कोई पैसा बरामद नहीं हुआ है।
पीठ ने कहा, ‘पहले 10 बयानों में संजय सिंह का कोई निहितार्थ नहीं है. सच्चाई यह है कि दिनेश अरोड़ा ने शुरू में संजय सिंह को फंसाया नहीं था, लेकिन बाद में 10वें बयान में उन्होंने ऐसा किया. उनके अनुवाद (वर्जन) में थोड़ा बदलाव है।