उत्तराखंडदेहरादून

बेरोजगार संघ का मुख्यमंत्री आवास कूच।

देहरादून। पुलिस कांस्टेबल भर्ती सहित अपनी विभिन्न मांगों को लेकर उत्तराखण्ड बेरोजगार संघ ने मुख्यमंत्री आवास कूच किया। जहंा पुलिस ने बेरकेडिंग लगाकर उन्हे रोक दिया। जिसके बाद वह वहीं धरने पर बैठ गये।
आज यहां उत्तराखण्ड बेरोजगार संघ के बैनर तले काफी संख्या में बेरोजगार परेड ग्राउण्ड में एकत्रित हुए जहां से उन्होंने बॉबी पंवार के नेतृत्व में मुख्यमंत्री आवास कूच किया। वह जैसे ही हाथीबडकला चौकी के पास पहुंचे तो पुलिस ने उनको बेरकैडिंग लगाकर रोक दिया। जिसके बाद वह वहां पर धरने पर बैठ गये। उनका कहना था कि उत्तराखंड पुलिस कांस्टेबल भर्ती में उम्र सीमा बढ़ाने, फॉरेस्ट गार्ड में उम्र सीमा बढ़ाने और यूपीसीएल और यूजीवीएनल टीजी 2 भर्ती सहित हजारों पदों पर विज्ञापन जारी किया जाये।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से दो साल पहले सीएम आवास में बातचीत हुई थी जिसमें उन्होंने कहा था कि आगामी पुलिस कांस्टेबल भर्ती में बेरोजगारों के हितों को देखते हुए उम्र सीमा बढ़ा दी जाएगी, लेकिन अभी तक इसका शासनादेश जारी नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लाखों युवा बेरोजगार एक बार भी पुलिस कांस्टेबल भर्ती में सम्मिलित नहीं हो सके हैं क्योंकि भर्ती 7 साल बाद आई थी। उन्होंने कहा कि हमारे पड़ोसी राज्यों में हर साल पुलिस की भर्ती आयोजित की जाती है, इसके बावजूद भी उन राज्यों (उत्तर—प्रदेश और हिमाचल प्रदेश) ने अपने प्रदेश के युवाओं को तीन साल की छूट प्रदान की है, लेकिन उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को प्रदेश के बेरोजगारों की कोई चिंता नहीं है।

राम कंडवाल ने कहा कि आयोग रिजल्ट जारी करने के बाद अभ्यार्थियों के नंबर भी नहीं दिखा रहा है जिससे युवाओं में भ्रम की स्थिति बनी हुई है, इसके अतिरिक्त बेरोजगारों ने उत्तराखंड में आने वाली फॉरेस्ट गार्ड भर्ती में आयुसीमा 18 से 35 वर्ष किए जाने की भी मांग की है। राम कंडवाल ने कहा कि यूपीसीएल, पिटकुल और यूजीवीएनल टीजी2 की भर्ती पिछले सात साल से नहीं हुई है जबकि इन विभागों में भर्ती के लिए लाखों बेरोजगार इंतजार कर रहे हैं ।उन्होंने कहा बेरोजगार सचिवालय और अफसरों के दफ्तरों के चक्कर काटने में मजबूर हैं। उन्होंने उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से कनिष्ठ सहायक, स्टेनो समेत जो अधियाचन उनके पास उपलब्ध हैं उनके विज्ञापन तत्काल जारी जल्द जारी करने का भी अनुरोध किया। समाचार लिखे जाने तक उनका धरना जारी था।

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